हिमशिखर धर्म डेस्क
श्री भगवानुवाच
बहूनि मे व्यतीतानि जन्मानि तव चार्जुन।
तान्यहं वेद सर्वाणि न त्वं वेत्थ परन्तप।।4.5।।
।।4.5।। श्रीभगवान् बोले — हे परन्तप अर्जुन ! मेरे और तेरे बहुत-से जन्म हो चुके हैं. उन सबको मैं जानता हूँ, पर तू नहीं जानता.
कहते हैं कि, व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों का फल उसे वर्तमान समय में भोगना पड़ता है. जो पाप हमें याद नहीं हैं, उन कर्मों की सजा इंसान को इस जन्म में भोगनी पड़ती है !
कहते हैं कि, व्यक्ति के पिछले जन्म के कर्मों का फल उसे वर्तमान समय में भोगना पड़ता है. जो पाप हमें याद नहीं हैं, उन कर्मों की सजा इंसान को इस जन्म में भोगनी पड़ती है. हमारे जीवन में जो कुछ अच्छा बुरा घटित हो रहा है, उसके पीछे हमारे पिछले जन्म के कर्म भी हैं. पिछले जन्म के आधार पर ही आपकी भाग्य निर्धारित होता है ।
मान्यता है कि, अगर आपने पिछले जन्म में ज्यादा पाप किए होंगे तो, इस जन्म में भी आपको ज्यादा कष्ट भुगतने पड़ेंगे. लेकिन शास्त्रों में बताया गया है कि इस जन्म में बेहतर और पुण्यदायी काम करके पिछले जन्म के पापों का अंत किया जा सकता है. और आप अपने दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हो !
इन उपायों से कट जाएंगे, पिछले जन्म के कर्म ।
– पिछले जन्म के अनजाने पापों से मुक्ति पाने के लिए बेजुबान की सेवा करनी चाहिए. गाय, कुत्ता, पक्षी, चींटी, मछली आदि को नियमित रूप से भोजन करना से पुण्य प्राप्त होता है.
– धार्मिक मान्यता है कि, हर अमावस्या पर कुछ न कुछ चीजें दान करने से पापों का अंत होता है. मान्यता है कि, अमावस्या पितरों को समर्पित तिथि है और इस दिन का दान पितरों के लिए होता है. इस दिन दान करने से पितरों का आशीर्वाद मिलता है और उनके ऋण से मुक्ति मिलती है.
– ज्योतिष शास्त्र अनुासर नियमित रूप से गीता, रामायण, सुंदरकांड आदि कोई भी पाठ करें. इससे मन शुद्ध होता है और पिछले जन्म के पाप कटते हैं.
– पीपल और बरगद के पेड़ की नियमित रूप से पूजा करें. इन्हें जल दें. संभव हो तो पीपल या बरगद का एक पौधा अवश्य लगाएं. कहते हैं कि, इन पेड़ों की सेवा करने से पीढ़ियों का उद्धार होता है.
– लगातार 7 अमावस्या तिथि पर 9 पीपल के पेड़ खुद लगाएं या लगवाएं. इनकी खूब देखरेख करें. इससे अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है और भाग्य उदय होता है. इस दिन गुप्त दान भी बहुत लाभदायक माना जाता है.