पीएम मोदी ने पोषक अनाज के बीजों की 150 से अधिक किस्मों को संरक्षित करने के लहरी बाई के प्रयासों की सराहना की

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के डिंडोरी में बैगा आदिवासी समुदाय से आने वाली 27 वर्षीय लहरी बाई ने मिलेट की करीब 150 से भी अधिक किस्मों को संरक्षण किया है. लहरी बाई को यूहीं ‘मिलेट की ब्रांड एंबेसडर’ का खिताब नहीं मिला. इस आदिवासी महिला ने उपहासों की परवाह किए बिना ही कड़ी मेहनत और लगन से मिलेट के बीजों का संरक्षण किया और अपना देसी बीज बैंक बनाया है. अपने पुराने अनुभवों याद करते हुए लहरी बाई बताती हैं कि उन्होंने किशोरावस्था से ही मिलेट के बीजों का संरक्षण चालू कर दिया था. इस बीच बैगा आदिवासी समुदाय के लोग उनका काफी मजाक उड़ाते थे, लेकिन मन में सिर्फ दो ही मिशन थे. एक तो शादी ना करके अपने माता पिता की सेवा करना और दूसरे मिलेट के बीजों का संरक्षण करके इनकी खेती को बढ़ावा देना. 

जब मेहनत रंग लाई तो लोग भी लहरी बाई की मेहनत और अथक प्रयासों की सराहना करने लगे. खुद प्रधानमंत्री

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