साठ साल से अधिक आयु वालों को एहतियाती खुराक के लिए चिकित्सक के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं : केन्द्र

नई दिल्ली

Uttarakhand

केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने आज सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए एक वर्कशॉप की अध्यक्षता की, जिसमें 15-18 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण के रोलआउट और कमज़ोर वर्गों के लिए एहतियाती तीसरी खुराक की समीक्षा की गई। इन कमज़ोर वर्गों में हेल्थकेयर वर्कर (एचसीडब्ल्यू), फ्रंटलाइन वर्कर (एफएलडब्ल्यू), और 60+ आयु वर्ग के ऐसे लोग शामिल हैं जिन्हें सह-रुगण्ताएं हैं।

wps1जैसा कि प्रधानमंत्री नरेन्‍द्र मोदी द्वारा 25 दिसंबर, 2021 को घोषणा की गई थी कि, 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के लिए टीकाकरण सोमवार 3 जनवरी, 2022 से शुरू होने वाला है, जबकि कमज़ोर वर्गों के लिए एहतियाती तीसरी खुराक सोमवार 10 जनवरी, 2022 से लगाई जाने लगेगी। इस संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा 27 दिसंबर, 2021 को जारी किए गए।

15-18 आयु वर्ग के टीकाकरण के संदर्भ में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों को सूचित किया कि इस जनसंख्या वर्ग में केवल ‘कोवैक्सीन’ ही प्रशासित किया जाना है और ‘कोवैक्सीन’ की अतिरिक्त खुराक सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजी जाएगी। केंद्र सरकार अगले कुछ दिनों में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के साथ ‘कोवैक्सीन’ की आपूर्ति सारणी साझा करेगी। इसके संभावित लाभार्थी या तो 1 जनवरी, 2022 से कोविन पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं या फिर 3 जनवरी से टीकाकरण शुरू होने पर वॉक-इन पंजीकरण का लाभ उठा सकते हैं। जिनका जन्म साल 2007 में या उससे पहले हुआ है सिर्फ वे ही इस श्रेणी के तहत टीकाकरण के लिए पात्र होंगे।

15-18 आयु वर्ग के लिए टीकाकरण के संबंध में सभी स्थापित प्रोटोकॉल का पालन किया जाना है। लाभार्थियों को आधे घंटे तक इंतजार करना होगा जिस दौरान एईएफआई के लिए उनकी निगरानी की जाएगी और 28 दिनों के बाद ही वे दूसरी खुराक के लिए पात्र होंगे। राज्यों को सूचित किया गया था कि उनके पास कुछ कोविड टीकाकरण केंद्रों (सीवीसी) को खासतौर पर 15-18 आयु वर्ग के लिए समर्पित सीवीसी के रूप में नामित करने का विकल्प है, जो कोविन पर भी दिख सकता है। समर्पित सीवीसी ये सुनिश्चित करेंगे कि टीके लगाने में कोई भ्रम की स्थिति न हो। 15-18 आयु वर्ग के अलावा अन्य श्रेणियों की सेवा करने के मकसद वाले सीवीसी को लेकर राज्यों से अनुरोध किया गया था कि वे 15-18 आयु वर्ग और अलग टीकाकरण टीमों के लिए अलग कतार सुनिश्चित करें। राज्यों को एक ही सीवीसी में दो अलग-अलग टीकाकरण दल बनाने की सलाह दी गई थी, जिनमें से एक 15-18 आयु समूहों के लिए और दूसरा सभी वयस्कों के लिए होगा ताकि सही टीकों के प्रशासन में भ्रम से बचा जा सके।

एहतियाती खुराक के प्रशासन को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने इस बात पर प्रकाश डाला कि लाभार्थी तभी पात्र माना जाएगा जब दूसरी डोज लगाने के बाद 9 महीने (39 सप्ताह) बीत चुके हों। सह-रुग्णता स्थापित करने के लिए सीवीसी में डॉक्टर के प्रमाण पत्र की आवश्यकता के संबंध में विभिन्न मीडिया के जरिए प्रचारित की जा रही गलत सूचनाओं की ओर ध्यान दिलाते हुए, उन्होंने साफतौर पर इस बात पर जोर दिया कि केंद्र सरकार ने उक्त मामले पर कोई निर्देश जारी नहीं किया है और एहतियाती खुराक लगाने के लिए सीवीसी में हाजिर होने के दौरान डॉक्टर की पर्ची / प्रमाण पत्र का होना अनिवार्य नहीं है। उन्होंने ये भी बताया कि एहतियाती खुराक के लिए पात्रता रखने वाले सभी लोगों को कोविन, रिमाइंडर संदेश भेजेगा और एहतियाती खुराक उनके डिजिटल टीकाकरण प्रमाणपत्रों में भी झलकेगी।

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राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को इसके अलावा सलाह दी गई थी कि वे 15-18 आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए टीकाकरण करने वालों और टीकाकरण दल के सदस्यों का ओरिएंटेशन करें और 15-18 आयु वर्ग के टीकाकरण के लिए तय सत्र स्थलों की पहचान सुनिश्चित करे। राज्यों को प्रोत्साहित किया गया था कि वे चिन्हित सत्र स्थलों पर कोवैक्सीन के वितरण के लिए अग्रिम रूप से उचित योजना बना लें। टीका प्रशासन के दौरान टीकों के मिश्रण से बचने के लिए अलग सीवीसी, अलग सत्र स्थल, अलग कतार (अगर उसी सत्र में वयस्क टीकाकरण चल रहा हो तो) और अलग टीकाकरण टीम (अगर एक ही सत्र स्थल पर हों तो) के लिए प्रयास किया जाना है। राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों को ये भी सलाह दी गई कि कोविन का उपयोग करने वाले लाभार्थियों के जिलेवार आकलन के जरिए वे टीकों की खुराक की अपनी आवश्यकता बताएं। उन्हें उन सत्रों का प्रचार करना है जहां 15-18 आयु वर्ग समूहों के लिए टीकाकरण उपलब्ध होगा। इन लाभार्थियों को कवर करने के लिए राज्यों को पर्याप्त टीके उपलब्ध कराए जाएंगे।

इस बैठक में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य), अतिरिक्त मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) और संबंधित राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के राज्य निगरानी अधिकारी के साथ साथ अतिरिक्त सचिव (स्वास्थ्य) डॉ. मनोहर अगनानी और संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य) श्री विशाल चौहान भी उपस्थित थे।