हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand

संत तुकाराम भक्त और एक महान संत थे. भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में डूबे हुए संत तुकाराम जी का जन्म एक ऎसी घटना थी जिसने भक्ति की धारा को एक नया रंग दिया. ये एक महान संत कवि थे जो भारत में लंबे समय तक चले भक्ति आंदोलन के एक अग्रदूत संत भी थे. इस लिए इन्हें संत तुकाराम के नाम से पुकारा जाता रहा है. संत तुकाराम जी ने अपनी साधना और भक्ति द्वारा चारों ओर जो अलख जगाई वह आज भी लोगों के भीतर मौजूद है. अपने समय की अवस्था का इनकी वाणी में दर्शन दिखाई देता है. तुकाराम जी की वाणी में जो गहराई और श्रद्धा दिखाई देती है, वह अत्यंत ही आश्चर्य से भर देने वाली है. तुकाराम की वाणी सूत्रबद्ध, अल्पाक्षर, रमणीय तथा मर्मभेदक रही है. फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन उन्होंने अपनी देह त्यागी. संत कवियों के सहित्य में जो आध्यात्म सूत्र पिरोया हुआ है और जो विचारों का कलेवर दिखाई पड़ता है, वह सभी कुछ तुकाराम जी में दिखाई देता है.

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