“अक्सर जीवन के दुःख ओर असफलताओं से दुःखी होकर कई लोग आत्महत्या का मार्ग चुन लेते है, एसे लोग समझते है कि आत्महत्या कर लेने से उन्हे समस्त दुःखो से मुक्ति मिल जायेगी
इस संसार में कोई तन दुखी, कोई मन दुखी तो कोई धन के अभाव में दुखी है। संसार में दुखों की मुक्ति का मार्ग आत्मचिंतन है न कि आत्महत्या। आत्महत्या महापाप है।