लक्ष्मीनारायण भगवान को 56 भोग समर्पित किया गया

Uttarakhand

हिमशिखर खबर ब्यूरो

कर्णप्रयाग, चमोली: भगवान बदरीविशाल के डिमरी पुजारियों के मूल गांव डिम्मर में आज पूर्व वर्ष परम्परानुसार ‘परमाराध्य’ परमधर्माधीश उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर अनन्तश्रीविभूषित जगद्गुरु शङ्कराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती ‘१००८’ महाराज के प्रतिनिधि के रूप में उनके शिष्य मुकुन्दानन्द ब्रह्मचारी अपने सहयोगियों संग उपस्थित रहे ।

ज्ञातव्य हो कि पिछले वर्ष ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में श्रीशंकराचार्य महाराज लगभग 246वर्ष बाद औपचारिक रूप में कपाट बन्द होने के बाद के क्रम में डिम्मर गांव पहुंचे थे और जहां पर बडे ही धूमधाम से उनका नागरिक अभिनन्दन किया गया था। इस वर्ष दिल्ली के रामलीला मैदान में गौमाता राष्ट्रमाता प्रतिष्ठा आन्दोलन में उपस्थित रहना आवश्यक था। इसलिए यहां ना अकर सीधे बदरीनाथ धाम के कपाट बन्द होते ही अगले दिन सुबह बदरीनाथ से सीधे आगे निकल गए थे।

आज मध्याह्न में आयोजित इस सभा में अनेकों विभूतियों की उपस्थिति रही। आज सभी कार्यक्रम केन्द्रीय धार्मिक डिमरी पंचायत के तत्वावधान में पूरे डिमरी समाज ने भगवान श्री बदरीविशाल, श्री लक्ष्मी नारायण के साथ ही ज्योतिषपीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य स्वामिश्रीः अविमुक्तेश्वरानंदः सरस्वती महाराज का जयकारा लगाते हुए उनके प्रतिनिधि के रूप में मुकुंदनंद ब्रह्मचारी का भव्य स्वागत किया और परंपरा के अनुसार सभी सनातन धर्मावलंबियों ने श्री लक्ष्मी नारायण भगवान के छप्पन भोग का प्रसाद व भगवान के दर्शनों का पुण्य लाभ अर्जित किया।

इस अवसर पर उपस्थित रहे अध्यक्ष आशुतोष डिमरी, कोषाध्यक्ष विपुल डिमरी, संजय डिमरी, दिनेश डिमरी, कुलपूरोहित खण्डूडी, शिवप्रसाद डिमरी प्रधान, ज्योतिर्मठ पुरोहित आनन्द सती, दिनेश सती, आत्माराम, संजय डिमरी आदि  मौजूद रहे।

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