पंडित हर्षमणि बहुगुणा
यदन्त:स्थानिभूतानि यत: सर्वं प्रवर्तते।
यदाह तत्परं तत्त्वं साक्षाद्भगवती स्वयम् ।।
“जिनके सभी प्राणी भीतर स्थित हैं और सम्पूर्ण विश्व जिनसे प्रकट होता है, जिन्हें परम तत्व कहा गया है, वे साक्षात् स्वयं ‘भगवती’ ही हैं।”
“आज श्री विजयादशमी दशहरा है। दसविध पापों को धोने का महोत्सव, अपराजिता पूजन, शस्त्र पूजन, नवरात्र पारणा।” इस पर कुछ चर्चा कर अपना मार्ग सुगम बनाया जा सकता है।