पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज सावन की 17 गते है। आज प्रदोष व्रत रखा जाएगा।
सावन का महीना बेहद पवित्र माना जाता है। यह माह भोलेनाथ की पूजा के लिए बेहद शुभ है। यह समय मानसून की शुरुआत का भी प्रतीक माना जाता है। सावन माह में प्रदोष व्रत का महत्व और भी बढ़ जाता है, क्योंकि ये दोनों ही व्रत भगवान शिव को समर्पित है। इस माह यह व्रत आज 1 अगस्त को है।
आज का विचार
आनंद और सुख एक आभास है जिसे प्रतेक व्यक्ति ढूंढता है, दु:ख एक अनुभव है जो आज हर व्यक्ति के पास है।
आज का भगवद् चिन्तन
आशुतोष महादेव
भगवान शिव का एक नाम “आशुतोष” भी है।”आशुतोष” अर्थात बहुत जल्दी और बहुत कम में प्रसन्न हो जाने वाले। एक लोटा जल चढ़ाने मात्र से ही भगवान शिव प्रसन्न हो जाया करते हैं और भोग में भाँग और धतूरे जैसी वस्तुओं को पाकर भी रीझ जाते हैं।दूसरों से थोड़ा सा लेकर भी उन्हें अधिक से अधिक देने का भाव ही आशुतोष महादेव के जीवन की सीख है।
आज व्यक्ति यह नहीं सोच रहा कि मैंने दूसरों को क्या दिया..? उसका समग्र चिन्तन इतना ही है,कि मुझे दूसरों ने क्या दिया..? भगवान महादेव लेते बहुत थोड़ा हैं और अपना सर्वस्व अपने भक्त के ऊपर लुटा देते हैं। वही सामर्थ्यवान है और बड़ा है जो दूसरों से लेने का नहीं देने का भाव रखता है। केवल आयु में ही नहीं आचरण में भी बड़े होने का प्रमाण दो। दूसरों से अपेक्षा नहीं अपितु उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने वाले बनो, यही शिवत्व है।