आज का पंचांग: सत्य का चुनाव करें

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

आज (मंगलवार, 22 अक्टूबर) कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की षष्ठी है। इसे स्कंद षष्ठी कहा जाता है। कार्तिक मास में आने वाली इस तिथि का महत्व काफी अधिक है, क्योंकि कार्तिक मास का नाम कार्तिकेय स्वामी के नाम पर ही पड़ा है और षष्ठी तिथि पर ही उनका अवतार हुआ था। षष्ठी कार्तिकेय स्वामी की जन्म तिथि होने से हर महीने की षष्ठी तिथि पर भगवान कार्तिकेय की विशेष पूजा की जाती है।

स्कंद षष्ठी पर भगवान कार्तिकेय, शिव-पार्वती की पूजा करनी चाहिए। पूजा की शुरुआत प्रथम पूज्य गणेश जी के ध्यान के साथ करें। पूजा में भगवान का जल, दूध और फिर जल से अभिषेक करें। वस्त्र, हार-फूल से श्रृंगार करें। जानिए कार्तिकेय स्वामी से जुड़े खास प्रसंग…

कार्तिकेय स्वामी ने किया था तारकासुर का वध

पौराणिक कथा के अनुसार तारकासुर नाम के एक असुर ने तप करके ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर लिया था। ब्रह्मा जी तारकासुर के सामने प्रकट हुए और उन्होंने से उससे वरदान मांगने के लिए कहा। तारकासुर ने ब्रह्मा जी से कुछ ऐसा वरदान मांगना चाहता था, जिससे वह अमर हो जाए।

उस समय देवी सती के वियोग में शिव जी ध्यान में थे। उनका ध्यान तोड़ना किसी भी देवी-देवता के लिए संभव नहीं था। तारकासुर ने सोचा कि अब शिव जी ध्यान में ही रहेंगे, दूसरा विवाह नहीं करेंगे। इसलिए तारकासुर ने ब्रह्मा जी से वर मांगा कि उसका वध शिव पुत्र के हाथों ही हो। ब्रह्मा जी ने तारकासुर को ये वर दे दिया।

वरदान पाकर तारकासुर बहुत ताकतवर हो गया था। सभी देवता उसका वध नहीं कर पा रहे थे। तारकासुर ने धरती, स्वर्ग और पाताल, तीनों लोकों में अपना अधिकार कर लिया था। सभी देवता दुखी होकर विष्ण जी के पास पहुंचे।

विष्णु जी ने योजना बनाई कि तारकासुर को मारने के लिए शिव जी का दूसरा विवाह करवाना होगा। इसके बाद शिव जी का ध्यान भंग करने के लिए कामदेव को कहा गया।

कामदेव ने अपने काम बाणों से शिव जी का ध्यान तोड़ दिया था। उस समय हिमालयराज की पुत्री पार्वती शिव जी को वर रूप में पाने के लिए तप कर रही थीं। देवी के तप से शिव जी प्रसन्न हो गए और बाद में शिव-पार्वती का विवाह हुआ। विवाह के बाद शिव जी के पुत्र कार्तिकेय का जन्म हुआ। कार्तिकेय का पालन शिव-पार्वती से दूर कृतिकाओं ने किया था। इसलिए बालक नाम कार्तिकेय पड़ा।

आज का पंचांग

मंगलवार, अक्टूबर 22, 2024
सूर्योदय: 06:26
सूर्यास्त: 17:44
तिथि: षष्ठी – 25:28+ तक
नक्षत्र: आर्द्रा – 29:38+ तक
योग: परिघ – 08:46 तक
करण: गर – 13:52 तक
द्वितीय करण: वणिज – 25:28+ तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: मिथुन
सूर्य राशि: तुला

आज का विचार

.मनुष्य को जीवन में संघर्ष करना बहुत जरूरी है, तभी वो अपने जीवन में एक सफल व्यक्ति बन सकता है।

आज का भगवद् चिन्तन

सत्य का चुनाव करें

शांति बनाये रखने के लिए सत्य को ही छोड़ देना, यह उचित नहीं है। आवश्यक नहीं कि जीवन में सत्य और शांति एक ही साथ प्राप्त हो। यदि परिस्थिति ऐसी बन जाये जब शांति और सत्य में से किसी एक को चुनना पड़े तो निःसंकोच सत्य को चुन लेना ही श्रेष्ठ है। भगवान श्रीराम और श्रीकृष्ण चाहते तो अपनी शांति के लिए कभी भी असत्य का विरोध न करते।

हमारे महापुरुषों ने केवल और केवल इसलिए अशांति एवं कष्टों से भरे जीवन के दुर्गम मार्ग को स्वीकार किया ताकि सत्य का वरण और रक्षण किया जा सके।

यद्यपि जीवन का लक्ष्य शान्ति प्राप्ति ही है पर वो शांति, जिसकी प्राप्ति सत्य के द्वारा होती है। अतः सत्य के लिए शांति छोड़ी जा सकती है पर शांति के लिए सत्य कदापि नहीं। कब, कहां और कैसे सत्य का चुनाव करना है स्वयं विवेक से चिन्तन करें एवं निर्णय लें।

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