जब लोग मृत्यु के करीब पहुँचते हैं, तो वो मृत्यु से इतने भयभीत होते हैं कि ईश्वर का नाम लेना उन्हें याद ही नहीं होता, या फिर उनकी चेतना शून्य हो जाती है लेकिन गीता में कहा गया है कि जो व्यक्ति मरते समय ईश्वर का नाम लेता है, वो सीधा ईश्वर को प्राप्त होता है। उस वक्त उसके कर्मों को भी दरकिनार कर दिया जाता है। गीता के अनुसार,

Uttarakhand

“ओमित्येकाक्षरं ब्रह्म व्याहरन्मामनुस्मरन् । यः प्रयाति त्यजन्देहं स याति परमां गतिम्।।”

Uttarakhand
Uttarakhand

अर्थात जो व्यक्ति ‘ॐ’ का जाप करते हुए और मेरा स्मरण करते हुए मरता है, वह मृत्यु के बाद बहुत उच्च स्तर पर पहुँच जाता है। कहने का अर्थ है कि यदि कोई मरते समय भगवान का नाम जपता है, तो उसके शरीर में उस समय सात्विक ऊर्जा होती है, जो उसे मृत्यु लोक जाने से रोकता है और उसके लिए मोक्ष का द्वार खोलने में मदद करता है। भगवान का नाम का जाप करना उन्हें मरते समय भी जागरूक रखता है। यदि कोई व्यक्ति भगवान के नाम का जाप नहीं करता है, तो वो लंबे समय तक एक ही प्रकार के जीवन में या जन्म-मृत्यु के चक्र में फंसा रहता है या नकारात्मक ऊर्जाओं द्वारा नियंत्रित होता रहता है।

Uttarakhand

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *