पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
आज का भगवद् चिन्तन
अभावों को नकारना सीखें
बहुधा जीवन में अभावों को तो नहीं मिटाया जा सकता है लेकिन अपनी दृष्टि को अवश्य सुधारा जा सकता है। जब-जब हमारी दृष्टि अभाव की ओर जायेगी, तब-तब जीवन में अशांति का प्रवेश एवं मन में उद्वेग होगा। आज हमारी स्थिति यह है कि हमें जो प्राप्त है, उसका आनंद तो नहीं लेते लेकिन जो प्राप्त नहीं है उसकी चिन्ता करके जीवन को शोकमय कर लेते हैं। दुःख का मूल कारण हमारी आवश्यकताएं नहीं हमारी इच्छाएं हैं।
मनुष्य की आवश्यकताएं पूर्ण हो सकती हैं लेकिन इच्छाएं कभी पूर्ण नहीं हो सकती हैं। प्रकृति का एक अटूट नियम है कि यहाँ आवश्यकता छोटे- छोटे कीट पतंगों की भी पूरी हो जाती है लेकिन इच्छाएं बड़े-बड़े सम्राटों की भी अधूरी रह जाती है। हमें संसार में कोई दु:खी नहीं कर सकता, हमारी अपेक्षाएं ही हमें रुलाती हैं। स्वयं से ज्यादा दूसरों से रखी गई आशा और अपेक्षा ही जीवन के तनाव और विषाद का एक प्रमुख कारण है।
आज का पंचांग
बुधवार, नवम्बर 13, 2024
सूर्योदय: 06:42 ए एम
सूर्यास्त: 05:28 पी एम
तिथि: द्वादशी – 01:01 पी एम तक
नक्षत्र: रेवती – 03:11 ए एम, नवम्बर 14 तक
योग: वज्र – 03:26 पी एम तक
करण: बालव – 01:01 पी एम तक
द्वितीय करण: कौलव – 11:23 पी एम तक
पक्ष: शुक्ल पक्ष
वार: बुधवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: कार्तिक
चन्द्र राशि: मीन – 03:11 ए एम, नवम्बर 14 तक
सूर्य राशि: तुला