आज का विचार
जिसको हम सदा अपने पास नहीं रख सकते, उसकी इच्छा करने से और उसको पाने से क्या लाभ? मानव जीवन एक अनमोल अवसर है।
आज का भगवद् चिन्तन
त्याग का सुख
बहुत कम संसाधनों के बावजूद भी यदि जीवन में संतोष एवं प्रसन्नता है तो उस मनुष्य के जैसा कोई धनवान नहीं हो सकता है। अपार संपत्ति का भण्डार एवं अनंत ऐश्वर्य के स्वामी होने के बाद भी यदि मन में कुछ पाने की लालसा बाकी है तो समझ लेना वो अभी दरिद्र ही है। बहुत कुछ पाने के बावजूद भी मन का संतोष एवं भीतर का सुख नहीं मिला तो केवल बाहरी सुख कुछ विशेष महत्व भी नहीं रखते हैं।
जो लोग बस रात दिन प्रभु से कुछ न कुछ माँगने में लगे रहते हैं उन्हें बहुत कुछ मिल जाता है लेकिन जो कुछ नहीं माँगते उनको प्रभु श्री सुदामा जी की तरह सब कुछ अथवा स्वयं को ही दे देते हैं। श्री सुदामा जी की कुछ भी न पाने की इच्छा ने ही उन्हें द्वारिकापुरी का राजसिंहासन प्रदान कर दिया। मनुष्य की कामना शून्यता ही उसे सबसे अधिक मूल्यवान, अनमोल और उस प्रभु का प्रिय बना देती है।
आज का पंचाँग
रविवार, नवम्बर 24, 2024
सूर्योदय: 06:51 ए एम
सूर्यास्त: 05:25 पी एम
तिथि: नवमी – 10:19 पी एम तक
नक्षत्र: पूर्वाफाल्गुनी – 10:16 पी एम तक
योग: वैधृति – 12:18 पी एम तक
करण: तैतिल – 09:05 ए एम तक
द्वितीय करण: गर – 10:19 पी एम तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: रविवार
अमान्त महीना: कार्तिक
पूर्णिमान्त महीना: मार्गशीर्ष
चन्द्र राशि: सिंह – 05:02 ए एम, नवम्बर 25 तक
सूर्य राशि: वृश्चिक