पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। आज मंगलवार का दिन है। यह दिन पूर्ण रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है। ऐसा माना जाता कि जो साधक इस दिन भाव के साथ पूजा-पाठ करते हैं, उन्हें धन, सुख और सौभाग्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में शुभता आती है।
ईश्वर भेदभाव नहीं करते। यह काम मनुष्यों का है। परमात्मा भाव के भूखे होते हैं। जब वाटिका में हनुमान जी ने श्रीराम से कहा कि भरत कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो श्रीराम कहते हैं, अवश्य। लेकिन इसी के साथ श्रीराम एक बात और बोलते हैं, ‘तुम्ह जानहु कपि मोर सुभाऊ। भरतहि मोहि कछु अंतर काऊ।’ ‘हनुमान! तुम तो मेरा स्वभाव जानते ही हो।
भरत के और मेरे बीच में कभी भी कोई भेद नहीं है?’ ये बात राम सबके लिए लागू करते हैं कि मैं किसी में भेद नहीं मानता। हम मनुष्य रिश्तों का, जाति का, पद का भेद मानते ही हैं। अगर हमें यह भेद मिटाना है तो आत्मा पर रहने की कला सीखना पड़ेगी।
जब तक हम केवल शरीर पर टिकेंगे, हम भेद करेंगे। इसलिए अभ्यास ये किया जाए कि अपनी आत्मा पर जीना सीखें। एक भेद मनुष्य और करता है, वो है श्रवण भेद। कथाएं सुनेंगे, घर में किसी सदस्य से बात करेंगे, तो उसमें भी भेद करेंगे। किसी को अच्छे से सुनेंगे, किसी को सुनने का अभिनय करेंगे, लेकिन भीतर से गायब रहेंगे। सबकी सुनो और सुनते समय बीच-बीच में प्रतिक्रिया भी दो ताकि सामने वाले को लगे कि मेरी बात सुनी जा रही है।
ऐसा कहते हैं कि यदि आप लगातार किसी को ठीक से न सुनो तो भी उसको डिप्रेशन हो सकता है। या डिप्रेशन मिटाने के लिए श्रवण भेद मिटा लेना चाहिए। तो राम जी की इस बात का पालन करें कि हम आत्मा पर जिएंगे और भेदभाव नहीं करेंगे।
आज का विचार
नकारात्मक विचारों को त्यागकर अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करो। देखो सफलता तुम्हारा आलिंगन करने को तैयार खड़ी है.
आज का भगवद् चिन्तन
समय को संभालिए
जो समय के साथ चलना जानता है समय भी उसके अधीन होकर चलता है। समय मूल्यवान और बहुमूल्य नहीं अपितु अमूल्य है। हमारे पूरे जीवन भर की कमाई भी समय के एक क्षण को नहीं खरीद पायेगी इसलिए समय के दुरुपयोग से सदैव बचना चाहिए। जीवन में व्यस्तता हो लेकिन वह सृजनात्मक, रचनात्मक कार्यों में हो तभी समय का सदुपयोग समझा जायेगा। समय कभी किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।
समय अमूल्य है, प्रत्येक क्षण घट रहा है। जो आज है वो कल नहीं और अभी है फिर बाद में नहीं। इसलिए समय के महत्व को विशेष रूप से समझा जाये और अपने जीवन को अच्छे कार्यों में, श्रेष्ठ कार्यों में लगाया जाये। समय का सदुपयोग बुद्धिमत्ता है और समय का दुरुपयोग ही जीवन की बहुत बड़ी मूढ़ता। तुम चलो न चलो, समय प्रति क्षण गतिमान है।
आज का पंचांग
मंगलवार, जनवरी 28, 2025
सूर्योदय: 07:11
सूर्यास्त: 17:57
तिथि: चतुर्दशी – 19:35 तक
नक्षत्र: पूर्वाषाढा – 08:58 तक
योग: वज्र – 23:52 तक
करण: विष्टि – 08:09 तक
द्वितीय करण: शकुनि – 19:35 तक
क्षय करण: चतुष्पाद – 06:54, जनवरी 29 तक
पक्ष: कृष्ण पक्ष
वार: मंगलवार
अमान्त महीना: पौष
पूर्णिमान्त महीना: माघ
चन्द्र राशि: धनु – 14:52 तक
सूर्य राशि: मकर
प्रविष्टे/गते: 15