पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है। फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि आज यानी 24 फरवरी को है। पंचांग के अनुसार, इस तिथि पर विजया एकादशी व्रत किया जाता है। साथ ही विशेष चीजों का दान करने का विधान है। पूजा के दौरान विजया एकादशी व्रत कथा का पाठ करना चाहिए। मान्यता है कि इन कामों को करने से साधक को शुभ फल की प्राप्ति होती है। विजया एकादशी पर कई शुभ और अशुभ योग का निर्माण हो रहा है। ऐसे में चलिए पंडित उदय शंकर भट्ट जी से जानते हैं (आज का पंचांग और शुभ मुहूर्त ) के विषय में।
आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी और सोमवार:;
शक संवत 1946, फाल्गुन कृष्ण, एकादशी, सोमवार, विक्रम संवत् 2081।
24 फरवरी सन् 2025 ई॰। सूर्य उत्तरायण, बसन्त ऋतुः। राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। एकादशी तिथि अपराह्न 01 बजकर 45 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ।
व्रत त्योहार : विजया एकादशी व्रत। आज भगवान विष्णु के मंत्र जप का माहात्म्य। विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना , सुनना अत्यंत शुभ
विजया एकादशी के दिन तुलसी जी को लाल वस्त्र अर्पित और शाम को तुलसी में घी का दीपक का माहात्म्य है इससे सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है.
आज का भगवद् चिन्तन
चिंतन में जियो
जीवन के प्रति हमारा चिंतन जितना नकारात्मक होगा हमारी चिंताएं उतनी ही बड़ी होंगी। ऐसे ही हमारा चिंतन जितना सकारात्मक होगा, हमारे कार्य करने का स्तर उतना ही श्रेष्ठ एवं जीवन उतना ही प्रसन्नता से भरपूर रहेगा। जीवन में हमें इसलिए पराजय नहीं मिलती कि कार्य बहुत बड़ा था अपितु हम इसलिए परास्त हो जाते हैं कि हमारे प्रयास बहुत छोटे थे।
नकारात्मक दृष्टि आसान से आसान कार्य को भी चिंतायुक्त एवं जटिल बना देती है तो जटिल से जटिल कार्य को सकारात्मक चिंतन बड़ा आसान बना देता है। प्रभु में विश्वास से बढ़कर कोई श्रेष्ठ चिंतन नहीं और हमारी चिंताओं का निवारण करने वाला साधन भी नहीं है। जीवन को चिंता में नहीं चिंतन में जिया जाना चाहिए। सकारात्मक चिंतन ही किसी भी चिंता का एकमात्र समाधान है।
आज का विचार
गुणवान मनुष्य के संपर्क में रहकर सामान्य मनुष्य भी गौरव प्राप्त करता है, जैसे की फूलों के हार में रहकर धागा भी मस्तक के ऊपर स्थान प्राप्त करता है.!!
सूर्योदय : सुबह में 6 बजकर 50 मिनट तक।
सूर्यास्त शाम में 6 बजकर 17 मिनट तक।
गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 15 मिनट से 6 बजकर 40 मिनट : बगलामुखी पीठ देहरादून में दीपक प्रज्वलित और आरती पूजन, इस एकादशी पर हलवा और केले का भोग का माहात्म्य है