पंडित उदय शंकर भट्ट
आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।
कैलेंडर
तिथि | तीसरा |
नक्षत्र | रोहिणी |
योग | शोभना |
करण | गैरेज |
काम करने के दिन | बुधवाड़ा |
पक्ष | शुक्ल पक्ष |
चंद्र मास, संवत और बृहस्पति संवत्सर
विक्रम संवत | 2082 कालयुक्त |
संवत्सर | कालयुक्त |
शक संवत | 1947 विश्वावसु |
गुजराती संवत | 2081 नल |
चन्द्रमासा | वैशाख – पूर्णिमांत |
राशि और नक्षत्र
राशि | वृषभ |
नक्षत्र पद | रोहिणी |
सूर्य राशि | मेशा |
सूर्य नक्षत्र | भरणी |
सूर्य पद | भरणी |
रितु और अयाना
द्रिक ऋतु | ग्रीष्म (ग्रीष्म) |
वैदिक अनुष्ठान | वसंत (वसंत) |
ड्रिक अयाना | उत्तरायण |
वैदिक अयन | उत्तरायण |
आज का विचार
खुशियां बड़ी बड़ी उपलब्धियों में नहीं है बल्कि छोटे-छोटे पलों को जीने में है। यह बात हमेशा ध्यान रखें कि जब भी जीवन में खुशियां आती है, तो दुखों का मुकुट पहन कर आती है। इसलिए जीवन में सुख और दुख दोनों ही महत्वपूर्ण है.!!
आज का भगवद् चिंतन
अक्षय तृतीया की मंगल बधाई
“न क्षयः इति अक्षयः” अर्थात जिसका क्षय नहीं होता वह अक्षय है। शास्त्रों के अनुसार अक्षय तृतीया एक सर्वसिद्ध मुहूर्त है। इस परम पावन तिथि पर किए जाने वाले सद्कर्मों का पुण्य कभी क्षय नहीं होता इसलिए इस दिन शास्त्रों में विभिन्न श्रेष्ठ कर्म करने का विधान बताया गया है।
मंदिरों में देव दर्शन व घर में सेवित विग्रहों की सेवा एवं उनके चरण दर्शनों का विशेष महत्व बताया गया है। इस पावन तिथि को व्रत, जप, तप, अनुष्ठान के लिए अति शुभ दायक माना गया है। गौ सेवा का भी अति विशेष महत्व इस दिन बताया गया है। अपने पूर्वजों के नाम से ब्राह्मण देवों की अन्न-वस्त्र सेवा के लिए भी यह श्रेष्ठ तिथि बताई गई है।
तीर्थों में यथा सामर्थ्य दान एवं गंगा स्नान का विशेष महत्व है। इस तिथि पर अक्षय पुण्य प्राप्त करने हेतु श्री गीता जी, श्री रामचरित मानस, श्री विष्णु सहस्र नाम आदि अन्य धार्मिक ग्रंथों का अवश्य पाठ करते हुए अधिक से अधिक समय सद्कर्मों में ही व्यतीत करना चाहिए।