आज का पंचांग: गोविंदम् भज मूढ़मते

पंडित उदय शंकर भट्ट

आज आपका दिन मंगलमयी हो, यही मंगलकामना है। ‘हिमशिखर खबर’ हर रोज की तरह आज भी आपके लिए पंचांग प्रस्तुत कर रहा है।

कैलेंडर

तिथिपंचमी 🗓️ 09:14 AM तक
नक्षत्रआर्द्रा ⭐️ 01:04 PM तक
योगसुकर्मा 🙏 05:39 AM तक
करणबलव ⏳ 09:14 AM तक
काम करने के दिनशुक्रवार 🗓️
पक्षशुक्ल पक्ष 🌒

चंद्र मास, संवत, और बृहस्पति संवत्सर

विक्रम संवत2082 कालयुक्त 🗓️
शक संवत1947 विश्वावसु 🗓️
गुजराती संवत2081 नाला 🗓️
संवत्सरकालयुक्त 🗓️ अपराह्न 03:07 बजे तक , 25 अप्रैल, 2025
चन्द्रमासावैशाख 🗓️ – पूर्णिमांत
दायाँ/गेट19 🗓️

राशि और नक्षत्र

राशिमिथुन ♊
सूर्य राशिमेष ♈
सूर्य नक्षत्रभरणी ⭐️
नक्षत्र पदआर्द्रा ⭐️ 07:19 AM तक
सूर्य पदभरणी ⭐️

आज का भगवद् चिंतन

गोविंदम् भज मूढ़मते

यह भारत भूमि संतों की भूमि रही है। आज वैशाख शुक्ल पक्ष पंचमी के दिन इस धरा धाम पर दो महान आत्माओं का अवतरण हुआ। एक थे जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य जी महाराज तो दूसरे थे महान संत सूरदास बाबा जी महाराज। एक ने “शिवोऽहम्-शिवोऽहम्” अर्थात मैं ही ब्रह्म हूँ का उद्घोष किया तो एक ने “मेरो मन अनंत कहाँ सुख पावे” के भाव से उस प्रभु की शरणागति को स्वीकार किया। एक ने उद्घोष किया कि मैं ब्रह्म हूँ तो दूसरे ने आत्मनिवेदन किया कि मैं ब्रह्म का हूँ।

भगवान शंकर ने जीव को जगाने के लिए आवाज लगाई कि –
पुनरपि जननं पुनरपि मरणं,
पुनरपि जननी जठरे शयनम्।
इह संसारे बहुदुस्तारे,
कृपयाऽपारे पाहि मुरारे॥
भजगोविंदम् भजगोविंदम् भजगोविंदम् मूढ़मते!

तो सूरदास बाबा ने जीव को जगाने के लिए आवाज लगाई और कहा कि –
भजु मन चरन संकट हरन।
सनक संकर ध्यान लावत, सहज असरन सरन।
सूर प्रभु चरणारविंद तें नसै जन्म जन्म अरु मरन।

जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी जी ने अपने ज्ञान, तप और त्याग से भूमंडल पर दिग्विजय की तो सूरदास बाबा जी ने अपने प्रेम, भक्ति और समर्पण से। दोनों ब्रह्मस्वरूप, भगवद्स्वरूप महापुरुषों के श्री चरणों में कोटि-कोटि भावपूर्ण नमन करते हुए जगद्गुरु आद्य शंकराचार्य स्वामी जी एवं भक्त शिरोमणि सूरदास बाबा जी के पावन प्राकट्य उत्सव की आप सभी को मंगल बधाई।

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