देहरादून: यू०के०डी० (डेमोक्रेटिक) के पूर्व लोकसभा गढ़वाल सांसद प्रत्याशी रहे इं० डीपीएस रावत ने कहा कि भाजपा सरकार के समय प्रधानमंत्री वाजपेई के कार्यकाल के दौरान सभी आम कर्मचारियों का 60 साल सरकार मे सेवा देने के बाद उन सभी कर्मचारियों की पेंशन को खत्म करने प्रवाधान कर दिया था, जो कि सभी बीजेपी कांग्रेस व अन्य पार्टियो के सांसदों ने आम कर्मचारियों की पेंशन के खिलाफ 545 सांसदो ने संसद सत्र के दौरान लोकसभा मे इस बिल को पूर्ण बहुमत से पास करवाया था, पर यह सभी सांसद आजादी से लेकर आजतक 70 साल से जो इस देश को सिर्फ 5 साल चुनाव जीतने के दौरान सरकारी सेवाओं की सुबिधा लेकर लूटने का काम कर रहे, जो कि आम आदमी की मेहनत का पैसा है।
देश आज तक इन सभी सांसदों की सेवा मे अरबो रुपयों स्वाव कर चुका हैं। यह सांसद विधायक पार्षद अपने सुख के लिये सरकारी धन को खूब लूट रहे हैं, पर आम आदमी के विकास के लिये कभी एक नहीं हुए है।
भारतीय चुनाव आयोग को अब देश के आम नागरिक के हित मे फैसला करना चाहिये, सांसद विधायक पार्षद की पेंशन को भी खत्म करने का प्रवाधान होना चाहिये। क्यों कि यह सिर्फ 5 साल के लिये राजनीति मे आते हैं। जो कि एक जन सेवा होनी चाहिये। और जीतने के बाद सिर्फ अपने हक की लड़ाई लड़ते हैं।
अभी हाल ही मे सभी राज्यो, व केन्द में सांसद, विधायकों ने केन्द्रीय आयोग से अपने वेतन व भत्तों में संशोधन करवाने के लिये सरकार से बिल भी पास करवाया था। आज एक विधायक, सांसद अनुमानित दो से तीन लाख रुपये हर महीने वेतन व भत्ते ले रहे हैं। और साथ मे सभी सुविधाए मुफ्त मे ले रहे हैं। जो कि आम आदमी कभी सपने मे भी नहीं ले सकता हैं।
जहां सांसद बिधायक पार्षद का बेतन व भतो का सवाल होता हैं तो सभी एक जुठ हो जाते हैं पर देश का विकास का सवाल हैं वहां सब पीछे हट जाते हैं।
सांसद विधायक के सरकारी सेवायें मुफ्त की सुविधायें जैसे स्वास्थ्य, बिजली, पानी फोन बिल, एलपीजी , रेल यात्रा- हवाई यात्रा, विदेश मे मुफ्त मे ईलाज करवाना आदि यह सुविधाएं भी खत्म होने चाहिये और आम लोगों की तरह सभी सुविधायें मिलनी चाहिये।
चुनाव जीतने के तुरंत बाद सभी सांसद विधायक पार्षद महंगी लक्जरी कारों मे घूमने लगते हैं। सांसद बिधायक पार्षद को भी दस लाख तक की कार खरीदने का प्रवधान होना चाहिये।