प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती के बाद अस्पताल और होटल संचालकों ने लिया अनापत्ति प्रमाण पत्र

हल्द्वानी : शहर में प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की सख्ती शुरू हो गई है। जिसको देखते हुए शहर के 1173 अस्पताल और 599 होटल संचालकों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है। बता दें कि, 31 मार्च तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लेने वालों पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त कार्रवाई करेगा।
बायोमेडिकल वेस्ट और जलवायु प्रदूषण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त नजर आ रहा है।

Uttarakhand

बता दें कि, प्रदूषण विभाग की सख्ती के चलते पिछले एक सालों में कुमाऊं मंडल के 5 जिलों के 599 छोटे-बड़े होटल संचालकों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है। इसके अलावा मंडल के 1173 छोटे-बड़े अस्पताल, नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब संचालकों ने बायोमेडिकल वेस्ट निस्तारण को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से अनापत्ति प्रमाण पत्र लिया है।

क्षेत्रीय प्रबंधक प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आरके चतुर्वेदी ने बताया कि पूर्व में अधिकतर अस्पताल और होटल संचालक विभाग की बिना अनापत्ति प्रमाण पत्र के ही संचालित हो रहे थे। जहां पर उनके द्वारा बायोमेडिकल वेस्ट और जलवायु प्रदूषण फैलाए जाने की शिकायत आ रही थी। जिसके बाद विभाग ने सख्ती करते हुए सभी को नोटिस जारी कर मानक पूरा कर अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए निर्देशित किया गया था।

जिसके तहत आवेदन मिलने के बाद अस्पतालों और होटल की जांच के उपरांत उनको अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। आरके चतुर्वेदी ने बताया कि अल्मोड़ा जनपद के 378, बागेश्वर के 150, चंपावत के 130, नैनीताल जनपद के 391, पिथौरागढ़ के 338 के छोटे-बड़े अस्पतालों, नर्सिंग होम के अलावा लैब संचालकों द्वारा अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन आए थे।

जिसमें 1173 को अनुमति दे दी गई है। उन्होंने बताया बताया कि स्वास्थ्य से संबंधित अस्पताल, नर्सिंग होम के साथ-साथ होटलों द्वारा 31 मार्च तक अनापत्ति प्रमाण पत्र नहीं लिया गया तो कार्रवाई कर होटल और अस्पताल को बंद कर लाइसेंस निरस्त किया जाएगा।

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