प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाओं को केंद्र से मंजूरी

देहरादून:  उत्तराखंड राज्य में एक स्थान से दूसरे स्थान तक यानी प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाओं को संचालित करने के साथ ही कुछ मार्गों को कम करने के प्रस्ताव पर केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी है।

Uttarakhand

ऐसे में प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाएं शुरू होने से न सिर्फ यात्रियों को कम किराया पड़ेगा, बल्कि समय की भी बचत होगी। यही नहीं, केंद्र सरकार ने देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू होने के बाद अब इससे अतिरिक्त 14 अन्य स्थानों से हेली सेवाओं को शुरू करने की भी अनुमति दे दी है।

देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा के अतिरिक्त अन्य स्थानों से हेली सेवाओं के मार्ग में राज्य सरकार बदलाव करना चाहती है, जिसके लिए राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है।

राज्य सरकार ने मांग की है कि अल्मोड़ा-हल्द्वानी-पंतनगर हवाई मार्ग को जौलीग्रांट-हल्द्वानी-पंतनगर-जौलीग्रांट और जौलीग्रांट-अल्मोड़ा-पंतनगर-जौलीग्रांट मार्ग के रूप में अनुमति दी जाए।

इसी तरह जौलीग्रांट-न्यू टिहरी-श्रीनगर-गौचर हवाई मार्ग के स्थान पर जौलीग्रांट से न्यू टिहरी, जौलीग्रांट से श्रीनगर और जौलीग्रांट से गौचर तक हेली सेवाएं संचालित करने की अनुमति मांगी है।

इसके अतिरिक्त, देहरादून-रामनगर-पंतनगर-नैनीताल-पंतनगर-अल्मोड़ा-पिथौरागढ़-अल्मोड़ा-रामनगर-देहरादून हवाई मार्ग से रामनगर व पिथौरागढ़ हटाते हुए इसे देहरादून-हल्द्वानी-अल्मोड़ा-पंतनगर-अल्मोड़ा-हल्द्वानी-देहरादून करने का अनुरोध किया है।

आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में उड़ान योजना के तहत हवाई सेवाएं शुरू की थी, जिसके तहत देहरादून-पिथौरागढ़ के बीच हवाई सेवा शुरू की गई है। इसके अतिरिक्त अन्य स्थानों से हेली सेवा शुरू करने के लिए राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि हवाई मार्ग लंबा होने के कारण न सिर्फ अधिक समय बर्बाद होता है बल्कि यात्रियों को अधिक किराया भी देना पड़ रहा है।

ऐसे में अगर प्वाइंट टू प्वाइंट हेली सेवाएं संचालित की जाएंगी तो समय की बचत होगी। साथ ही किराया भी अधिक नहीं होगा, जिससे हेली कंपनियां भी इन मार्गों पर हेली सेवा देने में रुचि दिखाएंगी, क्योंकि मार्ग लंबा होने पर अधिक किराया पड़ता है।

जिसके चलते कम संख्या में यात्री, हेली सेवाओं का इस्तेमाल कर रहे हैं, जिस वजह से हेली कंपनियों को नुकसान भी उठाना पड़ रहा है। यही वजह है कि वह हेली सेवाएं देने में कंपनियां रुचि नहीं दिखा रही है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *