हिमशिखर ब्यूरो
हरिद्वार, 16 अप्रैल। महाकुंभ समाप्ति की घोषणा पर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की है । उन्होंने कहा महाकुंभ को समाप्ति की घोषणा करने का अधिकार किसी एक व्यक्ति या संस्था को नहीं है ।
नीलधारा टापू स्थित शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिविर में पत्रकारों से वार्ता करते स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि कुंभ सामूहिकता का पर्व है। किसी संस्था या व्यक्ति को कुंभ समाप्त होने की घोषणा करने का अधिकार नहीं है। यह किसी की निजी राय हो सकती है। अनादि काल से ही कुंभ निर्धारित समय पर आरम्भ और निर्धारित समय पर ही संपन्न होता है। इसलिए कुंभ अपनी निर्धारित अवधि तक ही चलेगा।
स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द महाराज ने कहा कि कोरोना बढ़ते मामलों को देखते हुए सतर्कता के तौर पर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के प्रतिदिन होने वाले प्रवचन कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। शेष धार्मिक अनुष्ठान कोरोना से बचाव के नियमों का पालन करते हुए अनवरत् रूप से चलते रहेंगे। उन्होंने कहा कि इस समय पूरे देश में कोरोना के मामले आ रहे हैं। ऐसा कोई स्थान नहीं है जहां कोरोना के मामले ना आ रहे हों। तो फिर कुंभ को समय से पहले समाप्त करने से बेहतर है कि कोरोना से बचाव के लिए जारी गाइड लाईन का पालन करते हुए कुंभ महापर्व का पूर्ण आध्यात्मिक लाभ लिया जाए।
स्वामी रामानन्द ब्रह्मचारी महाराज ने कहा कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम को लेकर सरकार को गंभीरता से उपाय करने चाहिए। लोगों को स्वयं भी कोरोना संक्रमण के प्रति जागरूक रहना चाहिए। अनावश्यक रूप से कुंभ पर्व को बयानबाजी किया जाना तर्कसंगत नहीं है। आदि अनादि काल से शास्त्रों के अनुसार ही कुंभ मेला आयोजित होता है। कुंभ की दिव्यता व भव्यता को लेकर संत महापुरूष अपना योगदान दे रहे हैं। सनातन संस्कृति का जितना भी अधिक से अधिक प्रचार प्रसार कुंभ पर्व के अवसर पर किया जाना चाहिए। जिसका लाभ अवश्य ही श्रद्धालुओं को प्राप्त होगा।