- एक दौर में अपने प्रवचनों से दुनिया को हिला देने वाले महान विचारक तथा भारतीय आध्यात्मिक गुरु ओशो को कौन नहीं जानता। भारतीय धर्मगुरु ओशो का दावा था कि उनकी शिक्षाएं पूरी दुनिया बदल कर रख देंगी। ओशो ने हजारों प्रवचन दिए और हर विषय को छुआ। 1969 में उन्होंने दुनिया में आने वाले संकट के बारे में भविष्यवाणी कर दी थी। जो आज के समय में प्रासंगिक होती नजर आ रही है। आप भी जानिए…
हिम शिखर धर्म डेस्क
लगभग 50 वर्ष पहले ओशो ने इस आने वाली आपदा की ओर इशारा कर दिया था. उनका गणित आज सामने आ खड़ा दिखाई देता है. लोगों का मानना है कि अगला विश्वयुद्ध पानी को लेकर होगा लेकिन ओशो ने जिस ओर संकेत किया है, उनके अनुसार रूस और अमेरिका जैसे देश जिसकी तैयारी में जुट गए हैं, वह संकट और भी गहरा है. क्योंकि पानी के बिना तो कुछ घंटों जीवित रहा जा सकता है, ऑक्सीजन के बिना नहीं.
हमें शायद अब इस बात का आभास हो गया होगा कि अभी दिल्ली बहुत दूर है. जीवन को बचाने के लिए अभी बहुत कुछ होना बाकी है. यहां तो पैसे लेकर घूमने पर भी बात नहीं बन रही है.
ओशो ने अपने एक प्रवचन में कहा है कि कमरे को यदि आप तरोताजा हवा से भरना चाहते हैं तो आमने-सामने के दरवाजों को खोलकर रखना होगा. अर्थात् लेने के साथ देना भी सीखना होगा. वही हमने नहीं सीखा है. प्रकृति से लेने में हमने कोई कसर नहीं छोड़ी और वापिस कुछ नहीं किया, यहां तक कि वापसी के नाम पर भी छला. लिया अमृत और दिया रासायनिक विष.
मनुष्य को स्वयं के ही नहीं, प्रकृति स्तर पर भी शुद्ध होने/करने की जरूरत है. यह अभी कुछ नहीं है,चेतावनी मात्र है. इसलिए समझो विराट् के इस संकेत को. सुखी होना चाहते हो या सुख के साधनों इकट्ठा करना, दोनों में बड़ा फर्क है.