देहरादून ।
जातस्य हि धु्रवो मृत्युधु्रवं जन्म मृत्युस्य च।
गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को उपदेश देते हुए कहते हैं कि जो जन्म लेता है, उसकी मृत्यु अवश्य होती है। यह कुदरती व्यवस्था है। इसलिए शोक करना तेरे लिए उचित नहीं है।
प्रकृति के सच्चे रक्षक सुंदर लाल बहुगुणा अब इस धरा में शरीर रूप से हमारे बीच नहीं हैं। लेकिन हिमालय रक्षक स्व. बहुगुणा अपने विचारों और कार्यों से सबके दिल में हमेशा जिंदा रहेंगे। इस दुनिया में जब भी कहीं पर्यावरण संरक्षण की बात उठेगी, तो उसमें गांधी के सच्चे अनुयायी की छवि हमेशा नजर आएगी। यह बात मंगलवार को देहरादून स्थित थानों में स्वर्गीय सुन्दर लाल बहुगुणा की तेरहवीं कार्यक्रम में लोगों ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कही। इस दौरान वृक्षारोपण कर पर्यावरण संरक्षण का भी संकल्प लिया गया। वहीं कोविड-19 के प्रोटोकाल की वजह से बड़ी संख्या में लोगों ने आन लाइन श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
थानों गांव में आयोजित तेरहवीं कार्यक्रम में विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल ने स्वर्गीय बहुगुणा के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने पारिजात का पौधा लगाकर सुंदर लाल बहुगुणा के जीवन पर्यंत पौधों के संरक्षण एवं संवर्द्धन के कार्यों को याद किया। अग्रवाल ने कहा कि सामाजिक समरसता का उदाहरण प्रस्तुत करते हुए जातिवाद ऊंच-नीच इन सब कुरीतियों को समाप्त कर बहुगुणा ने एक आदर्श समाज की स्थापना के लिए प्रयास किया। अग्रवाल ने कहा कि ऐसे लोग युगों में एक बार जन्म लेते हैं और वह समाज एवं देश के उत्थान के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं।
विधानसभा अध्यक्ष अग्रवाल ने स्वर्गीय सुंदर लाल बहुगुणा के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया साथ ही उन्होंने कहा है कि मैं स्वयं भी प्रत्येक अच्छे कार्य के दिन पौधारोपण अवश्य करता हूं और पर्यावरण संरक्षण के लिए यह अति आवश्यक भी है। उन्होंने सुंदरलाल बहुगुणा के जीवन से जुड़े हुए अनेक प्रसंगों का उल्लेख किया और कहा है कि उनका जीवन हमेशा समाज उत्थान के लिए समर्पित रहा.
इस अवसर पर पर्यावरणविद् डॉ अनिल जोशी, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर उपाध्याय, आम आदमी पार्टी के नेता कर्नल अजय कोठियाल, राजीव नयन बहुगुणा, प्रदीप बहुगुणा, सुबोध बहुगुणा, भाजपा नेत्री विनोद उनियाल, डीएफओ डीपी बलूनी, मनोज द्विवेदी, प्रभाकर उनियाल आदि सहित अनेक लोग उपस्थित थे ।
इधर, स्व. बहुगुणा के कनिष्ट पुत्र प्रदीप बहुगुणा ने बताया कि कोविड-19 के प्रोटोकाल की वजह से बड़ी संख्या में लोग श्रद्धांजलि देने के लिए एकत्रित नहीं हो सकते थे। इसलिए उनको आनलाइन श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आन लाइन गु्रप बनाया गया था। जिसमें देश-विदेश से लोगों ने उन्हें अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। इनमें पीएमओ के अधिकारी मंगेश घिल्डियाल, वरिष्ठ पत्रकार भारत भूषण, उदय कुमार, शोभित मिश्रा, भगवती प्रसाद डोभाल, पूरण बिष्ट, गौरव अवस्थी, राजीव लोचन शाह, सुनील पांडे, नरेश पांडे, आईटीएफआरआई के पूर्व डीजी वीके बहुगुणा, विनोद चमोली, डा. प्रभाकर जोशी, गणेश खुगशाल, माटू संगठन के विमल भाई, आस्ट्रेलिया से लिंडा पारलेन, कनाडा से विजय बहुगुणा, अरण्य रंजन, सिद्धार्थ समीर सहित दर्जनों शामिल थे।