प्रधानमंत्री के नेतृत्‍व में जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक समाप्‍त, जानिए राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह का वक्तव्य

Uttarakhand

हिम शिखर ब्यूरो
नई दिल्ली

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 हटाए जाने के करीब दो साल बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राज्य के आठ राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की। यह बैठक करीब साढ़े तीन घंटे तक चली और इस दौरान कई मुद्दों पर चर्चा की गई।

जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री मोदी संग कश्मीरी नेताओं की बैठक समाप्त होने पर  पढिए राज्यमंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह का वक्तव्य –

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में जम्‍मू-कश्‍मीर के सभी राजनीतिक दलों के साथ चर्चा अभी-अभी समाप्‍त हुई है। जम्‍मू-कश्‍मीर के विकास और लोकतंत्र को मजबूती देने की दिशा में ये एक बहुत ही सकारात्मक प्रयास रहा है। बैठक बहुत ही अच्‍छे वातावरण में हुई। सभी ने भारत के लोकतंत्र और भारत के संविधान के प्रति पूरी निष्‍ठा जताई। गृहमंत्री ने जम्‍मू-कश्‍मीर की स्‍थिति, परिस्थिति और बेहतर होते हालात से सभी नेताओं को परिचित कराया। प्रधानमंत्री ने पूरी गंभीरता के साथ हर पक्ष, हर तर्क, हर सुझाव को सुना और उन्‍होंने इस बात को सराहा कि सभी जनप्रतिनिधियों ने खुले मन से अपनी-अपनी बात रखी।

प्रधानमंत्री  ने बैठक में दो बड़ी बातों पर विशेष जोर दिया। उन्‍होंने कहा जम्‍मू-कश्‍मीर में लोकतंत्र को grassroot तक ले जाने के लिए हम सबको मिलकर काम करना होगा। दूसरा, जम्‍मू-कश्‍मीर में all round विकास हो, हर इलाके, हर समुदाय तक विकास पहुंचे, इसके लिए साझेदारी हो और जनभागीदारी का एक माहौल बनाया रखा जाए, ये जरूरी है।

प्रधानमंत्री ने इस बात को भी रखा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में पंचायती राज से लेकर दूसरे स्‍थानीय निकायों से जुड़े सभी चुनाव सफलतापूर्वक हो चुके हैं। सुरक्षा से जुड़े हालात भी बेहतर हो रहे हैं। पंचायत चुनावों के बाद करीब बारह हजार करोड़ रुपये सीधे-सीधे पंचायतों के पास पहुंचे हैं। इससे गांव में विकास की रफ्तार को गति मिली है। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि जम्‍मू-कश्‍मीर में लोकतांत्रिक प्रक्रिया से जुड़े अगले महत्‍वपूर्ण कदम, यानि विधानसभा चुनाव की तरफ हमें मिलकर जाना है। इसके लिए डिलिमिटेशन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करना होगा। ताकि हर क्षेत्र, हर वर्ग को पर्याप्‍त राजनीतिक प्रतिनिधित्‍व विधानसभा में प्राप्‍त हो सके। विशेष रूप से दलितों, पिछड़ों, जनजाति क्षेत्रों के साथियों को एक उचित प्रतिनिधित्‍व देना आवश्‍यक है।

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डिलिमिटेशन की इस प्रक्रिया में सभी की हिस्‍सेदारी हो, इसको लेकर के बैठक में विस्‍तार से बातचीत हुई। बैठक में मौजूद सभी दलों ने इस प्रक्रिया में हिस्‍सा लेने के लिए सहमति जताई है।

आज की बैठक में प्रधानमंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि जम्‍मू-कश्‍मीर को शांति और समृद्धि के पथ पर ले जाने के लिए ऐसे ही सभी stakeholders को मिलकर साथ चलना होगा। उन्‍होंने कहा आज जम्‍मू-कश्‍मीर हिंसा के कुचक्र से बाहर निकल कर स्‍थिरता की तरफ बढ़ रहा है। जम्‍मू-कश्‍मीर की जनता में एक नयी आशा जगी है, नया आत्‍मविश्‍वास आया है। पीएम यह भी बोले कि हमें इस आत्‍मविश्‍वास को बढ़ाने के लिए, इस भरोसे को और मजबूत करने के लिए दिन-रात मेहनत करनी होगी, साथ मिलकर काम करना होगा। आज की यह बैठक जम्‍मू-कश्‍मीर में लोकतंत्र को मजबूती देने और जम्‍मू-कश्‍मीर के विकास और समृद्धि के लिए एक महत्‍वपूर्ण कदम है। मैं आज की इस बैठक में शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों का आभार प्रकट करता हूँ।

धन्‍यवाद !

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