एम्स ऋषिकेश में प्लास्टिक चिकित्सा दिवस मनाया गया

Uttarakhand

ऋषिकेश : अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश में बृहस्पतिवार को निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में प्लास्टिक चिकित्सा दिवस मनाया गया। जिसमें संस्थान के विशेषज्ञों ने प्लास्टिक सर्जरी के विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी और अस्पताल में उपलब्ध प्लास्टिक शल्य चिकित्सा की आधुनिकतम तकनीकियों पर व्याख्यानमाला प्रस्तुत की।

इस अवसर पर एम्स निदेशक पद्मश्री प्रो रवि कांत ने बताया कि संस्थान के बर्न एवं प्लास्टिक चिकित्सा विभाग में इस चिकित्सा के विशेषज्ञ मौजूद हैं जो कि मरीजों को सतत रूप से सेवाएं दे रहे हैं। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक चिकित्सा एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है, जिसमें किसी भी दुर्घटना में घायल व्यक्ति को हुई शारीरिक क्षति के लिए उचित समय पर उपचार मिल जाने पर उसे काफी हद तक कम अथवा पूरी तरह से ठीक किया जा सकता है। साथ ही दुर्घटना में किसी भी अंग के विच्छेदन होने पर उसे पुनर्जीवित किया जा सकता है।

मुख्य अतिथि देहरादून के जाने माने प्लास्टिक सर्जन डा. राकेश कालरा जी ने बताया कि भारत में सबसे पहले इस चिकित्सा पद्धति की शुरुआत महर्षि सुश्रुत द्वारा की गई थी। उन्होंने संस्थान के एमबीबीएस के विद्यार्थियों को प्लास्टिक चिकित्सा की विभिन्न पद्धतियों की जानकारी दी।

संस्थान के डीन प्रोफेसर मनोज गुप्ता ने अस्पताल में उपलब्ध प्लास्टिक शल्य चिकित्सा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियां दी। उन्होंने बताया कि दुर्घटना में घायल, आग से झुलसे आदि तरह के मरीजों को एम्स में यह चिकित्सा उपलब्ध कराई जा रही है।

प्लास्टिक सर्जरी विभागाध्यक्ष डा. विशाल मागो ने विभाग द्वारा मरीजों को दी जा रही चिकित्सा सेवाओं के बारे में बताया। जिसमें उन्होंने बताया कि माइक्रोवैस्कुलर रिकंस्ट्रक्टिव क्लेफ्ट सर्जरी, हाथ की सर्जरी, ब्रेकियल प्लेक्सस सर्जरी, एस्थेटिक सर्जरी, एस्थेटिक फेशियल सर्जरी और फेशियल नर्व पैरालिसिस रिकंस्ट्रक्शन क्रैनियोफेशियल सर्जरी आदि सफलतापूर्वक की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में यदि घायल व्यक्ति को उचित समय में अस्पताल पहुंचाया जाता है, तो उसके किसी भी अंग को प्लास्टिक चिकित्सा द्वारा बचाया जा सकता है।

कार्यक्रम में डा. बलराम ओमर, प्लास्टिक चिकित्सा विभाग की डा. देवरति चटोपाध्याय, डा. मधुवरी वाथुल्या, डा. सत्याश्री के अलावा नर्सिंग स्टाफ व एमबीबीएस के विद्यार्थी मौजूद थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *