भगवान शिव की अपार भक्ति और शक्ति का पवित्र श्रावण माह का आज पहला सोमवार है। सावन के इस महीने में शिव और शक्ति दोनों की सम्मिलित रूप से पूजा की जाती है। सावन के महीने में भक्त रोजाना शिवजी का अभिषेक करते हैं। सावन के हर सोमवार को व्रत भी रखा जाता है। इसके अलावा शास्त्रों में सावन के महीने को लेकर कुछ नियमों के बारे में बताया गया है। ये नियम खानपान के अलावा मनुष्य के आचरण को लेकर बताए गए हैं। आइए आपको बताते हैं सावन में क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
दुर्बल को नहीं सताना चाहिए
भगवान शिव को गरीब, वृद्ध, दुर्बल और मवेशी आदि सभी प्राणी अति प्रिय हैं। इसलिए इन्हें सताना या तंग करना नहीं चाहिए. वृद्धों , ग़रीबों, निर्बलों और मवेशियों को सताने से भोलेनाथ को अपर कष्ट होता है। इससे वे कुपित होते है और शाप देते हैं।
सावन मास में दिन में न सोएं
लोगों को सावन माह में दिन में नहीं सोना चाहिए। यह मास महादेव को ध्यान करने के लिए सबसे उत्तम होता है। जो व्यक्ति इस माह दिन में सोता है। उस पर भगवान शिव कुपित होते हैं।
परिवार में झगड़े न करें
सावन का महीना भगवान शिव, माता गौरी और उनके परिवार को समर्पित होता है। इसलिए लोगों को अपने परिवार में किसी प्रकार की लड़ाई आदि नहीं करनी चाहिए। परिवार में सभी को प्रेम और सम्मान देना चाहिए। किसी को कोई अपशब्द नहीं कहना चाहिए।
मांस–मदिरा से परहेज
सावन के महीने में मांस-मदिरा जैसी चीजों का सेवन नहीं करना चाहिए। ये चीजें मन को अशांत करती हैं। मन अशांत होने से व्यक्ति ठीक ढंग से काम नहीं कर पाता है। ऐसे में व्यक्ति भगवान का ध्यान नहीं कर पाता। भगवान शिव के इस माह में लोगों को सात्विक जीवन बिताना चाहिए।