तेलंगाना के काकतिया वंश के महाराजा गणपति देव ने सन 1213 में इस मंदिर का निर्माण शुरू करवाया था। मंदिर के शिल्पकार रामप्पा के काम को देखकर महाराजा गणपति देव काफी प्रसन्न हुए थे और इसका नाम रामप्पा के नाम पर रख दिया था। रामप्पा को मंदिर निर्माण में 40 साल का समय लगा था
नई दिल्ली : तेलंगाना का मशहूर काकतीय रुद्रेश्वर मंदिर अब यूनेस्को के विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल हो गया है।
तेलंगाना में मुलुगू जिले के पालमपेट गांव में एक घाटी में स्थित यह मंदिर वारंगल के अहम मंदिरों में एक है और भगवान शिव को समर्पित है। इसकी खासियत ये है कि ये देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जिसका नाम देवता पर नहीं, बल्कि मंदिर को बनाने वाले शिल्पकार रामप्पा के नाम पर रखा गया था। काकतीय शासकों द्वारा 12वीं सदी में बने इस मंदिर को इसकी मजबूती की वजह से भी जाना जाता है।
मंदिर को यूनस्को की वर्ल्ड हेरिटेज साइट्स में शामिल किये जाने पर पीएम मोदी ने भी खुशी जताई और बधाई दी। अपने ट्वीट में उन्होंने कहा कि ये तेलंगाना के लोगों के लिए गर्व का क्षण है।