पीएम मोदी ने सुशांत से बातचीत के बाद कहा-पहाड़ की जवानी, पहाड़ के काम आई

Uttarakhand

नई टिहरी
पहाड़ में बढ़ता पलायन एक बड़ी समस्या है। साल दर साल खाली होते पहाड़ पलायन का दर्द झेलने को मजबूर हैं। वहीं रिवर्स पलायन का उदाहरण देखना है तो चले आइए डडूर गांव में, जहां के दो भाईयों ने मशरूम उत्पादन कर पलायन कर रहे लोगों को आईना दिखाया है।

सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) योजना की 9वीं किस्त जारी की। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने किसान लाभार्थियों से संवाद भी किया।

इसी के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टिहरी के विकासखंड चम्बा के ग्राम डडूर के सुशांत उनियाल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बात की। सुशांत उनियाल ने मिशन फॉर इंटीग्रेटेड हॉर्टिकल्चर डेवलपमेंट (MIDH) योजना के तहत 28.65 लाख की परियोजना का लाभ लिया। जिसमें 8 लाख अनुदान व 18.68 लाख बैंक ऋण शामिल है। सुशांत उनियाल ने इस योजना से डिंगरी मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना की है। पीएम मोदी ने सुशांत के दिल्ली में नौकरी छोड़ गांव जाकर स्वरोजगार करने के कदम की सराहना की।

बताते चलें कि विकासखण्ड चंबा के डडूर गांव निवासी सुशांत उनियाल और उनके बड़े भाई प्रकाश उनियाल दिल्ली में नौकरी करते थे। 2017 में दोनों भाईयों ने नौकरी छोड़कर अपने गांव में कुछ करने की ठानी। इसके लिए उन्होंने खेती के लिए मशरूम की खेती का मन बनाया। शुरू में उन्होंने गांव के खंडहर मकान में मशरूम उगाना शुरू किया। प्रयोग सफल रहा और 30-40 हजार रूपए की आमदनी हुई। जिस पर उन्होंने व्यावसायिक मशरूम का उत्पादन करने के लिए हिमाचल के सोलन से प्रशिक्षण लिया।

मशरूम उत्पादन इकाई तैयार होने के बाद दोनों भाईयों ने व्यावसायिक तौर पर 2019 से मशरूम उत्पादन शुरू किया। सुशांत उनियाल ने बताया कि 2019-20 में मशरूम का कुल उत्पादन 80 क्विंटल हुआ और 8 लाख रूपए की आमदनी हुई। वहीं 2020-21 में 90 क्विंटल का उत्पादन और 10 लाख रूपए की कमाई हुई।

सुशांत कहते हैं कि पहाड़ में खेती के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। बस युवाओं को इच्छा शक्ति दिलाने की जरूरत है। सभी लोगों को स्वरोजगार की मदद से अपने घर के पास ही काम शुरू करना चाहिए, जिससे वो अपने घर में अच्छी आमदनी कमा सकें और लगातार हो रहे पलायन पर भी ब्रेक लगे।

प्रधानमंत्री ने कहा कि पहाड़ का पानी और पहाड़ की जवानी पहाड़ के काम नहीं आती है, हमें इसे उलट करना है। सुशांत उनियाल जैसे युवाओं को देखकर लग रहा है कि अब पहाड़ की जवानी फिर पहाड़ के काम आ रही है। प्रधानमंत्री ने सुशांत से बातचीत के बाद ट्वीट किया है। जिसमें उन्होंने लिखा है कि उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल के मशरूम उत्पादक सुशांत उनियाल ने यह साबित कर दिखाया है कि पहाड़ की जवानी पहाड़ के कितने काम आ सकती है।

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