नई दिल्ली
दक्षिण चीन सागर में भारतीय नौसेना के जहाजों की चल रही तैनाती के क्रम में आईएनएस रणविजय और आईएनएस कोरा ने बुधवार को वियतनाम पीपुल्स नौसेना (वीपीएन) के वीपीएनएस ली थाई तो (एचक्यू-012) युद्ध-पोत के साथ द्विपक्षीय समुद्री सैन्य अभ्यास किया। द्विपक्षीय अभ्यास का उद्देश्य दोनों देशों की नौसेनाओं द्वारा साझा किए गए मजबूत रिश्ते को दृढ़ता से आगे ले जाना है और यह भारत-वियतनाम रक्षा संबंधों को मजबूती प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
भारतीय नौसेना के पोत 15 अगस्त 2021 को बंदरगाह चरण वार्ता के लिए वियतनाम के कैम रैन पहुंचे, जिसमें मौजूदा कोविड -19 प्रोटोकॉल को बनाए रखते हुए वियतनाम पीपुल्स नौसेना के साथ पेशेवर बातचीत भी शामिल थी। समुद्री चरण के दौरान सतही युद्ध अभ्यास, हथियारों से गोलीबारी अभ्यास और हेलीकॉप्टर संचालन शामिल थे। वर्षों से दोनों नौसेनाओं के बीच नियमित अभ्यास और बातचीत ने उनकी पारस्परिकता तथा अनुकूलन क्षमता को बढ़ाया है। इस प्रक्रिया ने व्यावसायिक आदान-प्रदान की जटिलता और अनुपात में भारी वृद्धि सुनिश्चित की है। इस यात्रा का विशेष महत्व भी है क्योंकि, भारतीय नौसेना के जहाजों ने वियतनाम में देश का 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाया है।
दोनों देशों के बीच रक्षा संबंध प्रगाढ़ रहे हैं। इस साल जून में, दोनों देशों ने रक्षा सुरक्षा वार्ता की और भारतीय नौसेना के पोत अक्सर वियतनामी बंदरगाहों पर आते – जाते रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से दोनों नौसेनाओं के बीच प्रशिक्षण सहयोग भी बढ़ रहा है।
आईएनएस रणविजय एक मार्गदर्शित मिसाइल विध्वंसक और राजपूत श्रेणी का नवीनतम युद्ध-पोत है। इस पोत को 21 दिसंबर 1987 को कमीशन किया गया था और यह हथियारों तथा सेंसर की एक श्रृंखला से लैस है। यह पोत सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल, एंटी एयर मिसाइल एवं बंदूकें, भारी वजन वाले टॉरपीडो, एंटी सबमरीन रॉकेट तथा एंटी सबमरीन हेली-कॉप्टर (कामोव 28) ले जाने में सक्षम हैं। आईएनएस रणविजय आईएनएस कोरा के साथ है, जो कोरा श्रेणी के मिसाइल कार्वेट का प्रमुख पोत है। यह पोत सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों तथा एंटी एयर गन से लैस है।