मुख्य बिंदु:
- समिति एनसीसी कैडेटों को राष्ट्र निर्माण की दिशा में अधिक प्रभावी ढंग से कार्य करने के लिए सशक्त बनाने के उपायों का सुझाव देगी
- संगठन की बेहतरी के लिए एनसीसी के पूर्व छात्रों की लाभदायक भागीदारी के तरीकों का प्रस्तावित करना
- एनसीसी पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए इसी तरह के अंतर्राष्ट्रीय युवा संगठनों की सर्वोत्तम प्रथाओं की सिफारिश करना
- पूर्व सांसद बैजयंत पांडा इस समिति के अध्यक्ष होंगे; क्रिकेटर एम एस धोनी और महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा समिति के अन्य सदस्यों में शामिल हैं
नई दिल्ली
रक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की व्यापक समीक्षा के लिए पूर्व सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है, ताकि एनसीसी को बदलते समय में और अधिक प्रासंगिक बनाया जा सके।
समिति के विचारार्थ विषय इस प्रकार हैं
व्यापक रूप से ऐसे उपाय सुझाना जो एनसीसी कैडेटों को राष्ट्र निर्माण एवं विभिन्न क्षेत्रों के राष्ट्रीय विकासात्मक प्रयासों में अधिक प्रभावी ढंग से योगदान करने के लिए सशक्त बना सकें। समग्र रूप से संगठन की बेहतरी के लिए एनसीसी के पूर्व छात्रों की लाभदायक भागीदारी के उपायों का प्रस्ताव करना और एनसीसी पाठ्यक्रम में शामिल करने के लिए इसी तरह के अंतरराष्ट्रीय युवा संगठनों की सर्वोत्तम प्रथाओं का अध्ययन/सिफारिश करना।
समिति के सदस्य इस प्रकार हैं:
बैजयंतपांडा, पूर्वसांसद | अध्यक्ष | |
कर्नल (सेवानिवृत्त) राज्यवर्धनसिंहराठौर, संसदसदस्य | सदस्य | |
विनयसहस्रबुद्धे, संसदसदस्य | सदस्य | |
आनंदमहिंद्रा, अध्यक्ष, महिंद्रासमूह | सदस्य | |
महेंद्रसिंहधोनी, क्रिकेटर | सदस्य | |
संजीवसान्याल, प्रधान आर्थिक सलाहकार, वित्तमंत्रालय | सदस्य | |
प्रो. नजमाअख्तर, कुलपति, जामियामिलियाइस्लामिया | सदस्य | |
प्रो. वसुधाकामत, पूर्वकुलपति, एसएनडीटीमहिलाविश्वविद्यालय | सदस्य | |
श्रीमुकुलकानितकर, राष्ट्रीयआयोजनसचिव, भारतीयशिक्षणमंडल | सदस्य | |
मेजर जनरलआलोकराज (सेवानिवृत्त) | सदस्य | |
मिलिंदकांबले, अध्यक्ष, डीआईसीसीआई | सदस्य | |
ऋतुराज सिन्हा, एमडी, एसआईएसइंडियालिमिटेड | सदस्य | |
सुश्रीवेदिकाभंडारकर, मुख्यपरिचालनअधिकारी, Water.org | सदस्य | |
आनंदशाह, सीईओ, डाटाबुक | सदस्य | |
मयंकतिवारी, संयुक्तसचिव (प्रशिक्षण), डीओडी | सदस्यसचिव |
एनसीसी का उद्देश्य युवा नागरिकों के बीच चरित्र, अनुशासन, धर्मनिरपेक्ष दृष्टिकोण और निस्वार्थ सेवा के आदर्शों का विकास करना है।