नई दिल्ली
आयकर विभाग ने रियल एस्टेट के कारोबार में शामिल एक व्यक्ति के मामले में छापामारी और जब्ती अभियान चलाया। यह व्यक्ति मुख्य रूप से नासिक में बतौर लैंड एग्रीगेटर का काम करता है।
इस छापामारी और जब्ती अभियान के दौरान भूमि समझौते, नोटरीकृत दस्तावेज और संपत्तियों के अधिग्रहण के लिए बड़े पैमाने पर नकद लेनदेन के सबूत वाले दोषी साबित किए जाने योग्य अन्य दस्तावेज पाए गए और उन्हें जब्त कर किया गया। इस लेन-देन की पुष्टि कंप्यूटर और मोबाइल फोन से निकाले गए डिजिटल सबूतों से भी होती है।
इसके अलावा, कई निजी तिजोरियों में बड़ी मात्रा में बेहिसाब नकदी जमा पाई गई। अब तक 23.45 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी जब्त की गई है। एक लॉकर पर निषेधाज्ञा लगाई गई है।
इस मामले में शामिल प्रमुख व्यक्तियों, जिन्होंने अपनी बेहिसाब आय को जमीन के बड़े हिस्से की खरीद के लिए निवेश किया था, की भी तलाशी ली गई है। इनमें से अधिकांश व्यक्ति महाराष्ट्र के पिंपलगांव बसवंत क्षेत्र में प्याज और अन्य नकदी फसलों के थोक व्यापार में लगे हुए हैं। इन व्यापारियों की ओर से संपत्तियों में निवेश करने के लिए किए गए बड़े नकद लेनदेन के रिकॉर्ड सहित दोषी ठहराने योग्य सबूत भी मिले हैं और इन्हें जब्त किए गए हैं। वहीं, छापामारी के दौरान मिले कई बैंक लॉकरों पर निषेधाज्ञा लगा दी गई है।
इस छापामारी अभियान में अब तक 100 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब आय का पता चला है। इस अभियान में पाए गाए सबूतों की जांच की जा रही है और आगे की जांच जारी है।