बड़ी खबर : अब बच्चों को बाइक पर बिठाने से पहले जरा ठहरें, सरकार लेकर आ रही ये नए नियम!

केंद्र सरकार अब बाइक पर बच्चों को कैसे बिठाया जाए और कैसे उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो, इसके लिए नए नियम लेकर आई है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इसके लिए मसौदा नियम जारी किए हैं।

Uttarakhand

नई दिल्ली

मोटर वाहन अधिनियम की धारा 129 में कुछ सुधार किए गए हैं। यह सुधार मोटर वाहन (संशोधन) अधिनियम 2019 को लेकर है। इस धारा में एक प्रावधान यह है कि केंद्र सरकार अपने नियमों के जरिये मोटर साइकिल पर सवारी करने वाले या ले जाए जा रहे चार साल से कम उम्र के बच्‍चों की सुरक्षा के उपाय उपलब्‍ध करा सकती है। इस प्रावधान को ध्यान में रखते हुए सरकार ने कुछ नए नियम बताए हैं। हालांकि अभी ये मसौदा नियम हैं, लेकिन कई मायनों में महत्वपूर्ण हैं।

सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसके मसौदा नियम बनाए हैं, जिसमें कई सिफारिशें की गई हैं। ये नियम मोटरसाइकिल चालक के साथ बैठे बच्चों को लेकर है।

मंत्रालय ने  निम्‍नलिखित सिफारिशें की हैं –

  1. चार साल से कम आयु के बच्चों को मोटरसाइकिल चालक के साथ अटैच करने के लिए सुरक्षा उपकरण का उपयोग किया जाएगा।
  2. चालक यह सुनिश्चित करेगा कि उसके पीछे बैठे 09 महीने से 4 वर्ष तक की आयु के बच्चे अपना क्रैश हेलमेट पहने हो जो उसके सिर पर फिट बैठता हो या उन्‍होंने ऐसा मोटरसाइकिल हेलमेट पहना हो जो भारतीय मानक ब्यूरो द्वारा भारतीय मानक ब्यूरो अधिनियम 2016 के तहत निर्धारित विनिर्देशों [एएसटीएम 1447]/ [यूरोपीय (सीईएन) बीएस ईएन 1080/ बीएस ईएन 1078] का अनुपालन करता हो।
  3. चार साल तक की आयु के बच्चे को पिलियन के रूप में ले जाने वाली मोटरसाइकिल की गति 40 किलोमीटर प्रति घंटे से अधिक नहीं होनी चाहिए।

क्या कहा परिवहन मंत्रालय ने

इस बारे में केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने एक ट्वीट किया है। इसमें कहा गया है कि ड्राइवर से बच्चे को जोड़ने के लिए एक सेफ्टी हार्नेस (सुरक्षा उपकरण) लगाना जरूरी है। यह सेफ्टी हार्नेस दोनों को जोड़े रखेगा ताकि मोटरसाइकिल चलाने के दौरान बच्चा गिरे नहीं। अगर बच्चा 9 महीने से 4 साल के बीच का है तो उसे क्रैश हेलमेट लगाना जरूरी होगा. बाइक की स्पीड भी 40 किमी के अंदर ही रखना है।

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