कार्तिक महीना:तुलसी, आंवले के पेड़ की पूजा और दीपदान से मिलता है कई यज्ञों का फल

  • भगवान विष्णु हैं कार्तिक महीने के स्वामी

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  •  इस महीने की गई पूजा-पाठ और दान से खत्म होते हैं पाप

कार्तिक मास में स्नान, दान और पूजन का विशेष बताया गया है। स्वयं ब्रह्माजी कार्तिक मास की महिमा बताते हुए कहते हैं कि कार्तिक मास सब मासों में उत्तम है। ‘न कार्तिकसमो मासो न कृतेन समं युगं, न वेदं सदृशं शास्त्रं न तीर्थं गंगया समं’ अर्थात् कार्तिक के समान कोई मास नहीं है, न सतयुग के समान कोई युग, वेद के समान कोई शास्त्र नहीं है और गंगा के समान कोई तीर्थ नहीं। इस महीने में किए हुए स्न्नान, दान, भोजन, व्रत, तिल, धेनु, सुवर्ण, रजत, भूमि और वस्त्र आदि के दानों को विधिपूर्वक ग्रहण करते हैं। कार्तिक में जो कुछ दिया जाता है, जो भी तप किया जाता है उसे सर्वशक्तिमान भगवान विष्णु ने अक्षय फल देने वाला बतलाया है। आइए जानते हैं कार्तिक मास में किन कार्यों को करने का अत्यधिक महत्व है-


  • भगवान विष्णु हैं कार्तिक महीने के स्वामी
  •  इस महीने की गई पूजा-पाठ और दान से खत्म होते हैं पाप

पंडित उदय शंकर भट्ट

सनातन धर्मग्रंथों में कार्तिक मास को बहुत खास माना गया है। इस महीने के स्वामी भगवान विष्णु हैं। इस महीने भगवान विष्णु के साथ तुलसी और आंवले के पेड़ की पूजा करने की परंपरा है। धर्म ग्रंथों का कहना है कि कार्तिक महीने में आंवले और तुलसी की पूजा करने से हर तरह के पाप खत्म होते हैं। आंवले और तुलसी को लक्ष्मीजी का रूप माना गया है।

इस महीने में सुबह जल्दी उठकर तीर्थों के जल से नहाने के बाद सुबह जल्दी पूजा करने का विधान है। साथ ही सुबह और शाम दोनों समय तुलसी की पूजा की जाती है और दीपक लगाया जाता है। कार्तिक महीने में दीपदान करने से कई यज्ञ करने का पुण्य मिलता है।

आंवले की पूजा

कार्तिक महीने में सुबह जल्दी उठकर पानी में गंगाजल मिलाकर आंवले के पेड़ पर चढ़ाना चाहिए। इसके बाद चंदन, अक्षत, रोली, कुमकुम, हल्दी और फूल से पेड़ की पूजा करें। इसके बाद पेड़ के नजदीक घी का दीपक लगाएं। ऐसा करने से भगवान विष्णु की कृपा मिलती है और लक्ष्मी जी भी प्रसन्न होती हैं।

तुलसी पूजा

दूध और पानी से भगवान शालग्राम का अभिषेक करें और पूजन सामग्री चढ़ाएं। अभिषेक किए जल में से थोड़ा सा खुद पीएं और बाकी तुलसी में चढ़ा दें। इसके बाद हल्दी, चंदन, कुमकुम, अक्षत, फूल और अन्य पूजन सामग्रियों से तुलसी माता की पूजा करनी चाहिए।

दीपदान से मिलता है पुण्य फल

ग्रंथों में बताया गया है कि इस महीने में दीपदान करने से गरीबी से मुक्ति मिलती है। ये भी माना जाता है कि जितना पुण्य हर तरह के दान और कई तीर्थों के दर्शन से मिलता है, उसके बराबर पुण्य कार्तिक महीने में तुलसी, पीपल और मंदिरों में दीप दान करने से मिल जाता है। इसलिए इस दिन तुलसी, आंवला, पीपल, नदी, तालाब, कुंए और मंदिरों में दीपक लगाने चाहिए।

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