पीएम मोदी आज से इटली और ब्रिटेन की यात्रा पर, जानिए क्यों अहम है ये दौरा और क्या है एजेंडे में खास

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी G-20 शिखर बैठक में हिस्सा लेने के लिए पांच दिवसीय विदेश यात्रा पर हैं। बैठक में वह अन्य जी-20 नेताओं के साथ महामारी से उबरने, वैश्विक अर्थव्यवस्था और जलवायु परिवर्तन पर चर्चा करेंगे।


Uttarakhand

नई दिल्ली

प्रधानमंत्री मोदी इटली और ब्रिटेन के पांच दिन के दौरे पर रवाना हो गए हैं। सबसे पहले वो इटली पहुचेंगे और इसके बाद फिर ब्रिटेन जाएंगे। आज से 31 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री रोम और वेटिकन सिटी में रहेंगे जहां पर 16 वें G-20 के समिट में हिस्सा लेंगे। पीएम मोदी ने रवाना होने से पहले कहा कि, प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 29 से 31 अक्टूबर, 2021 तक रोम, इटली और वेटिकन सिटी के दौरे पर रहूंगा। इसके बाद प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के निमंत्रण पर 1 से 2 नवंबर 2021 तक ग्लासगो, ब्रिटेन का दौरा करूंगा।

पीएम ने कहा कि, रोम में  16वीं जी20 लीडर्स समिट में भाग लूंगा। इस सम्‍मेलन के दौरान जी20 के अन्य राजनेताओं के साथ महामारी से वैश्विक आर्थिक एवं स्वास्थ्य रिकवरी, सतत विकास, और जलवायु परिवर्तन पर होने वाली चर्चाओं में भाग लूंगा। यह वर्ष 2020 में महामारी का प्रकोप शुरू होने के बाद जी20 का पहला ऐसा शिखर सम्मेलन होगा जिसमें सभी की व्‍यक्तिगत उपस्थिति होगी और इसमें हमें वर्तमान वैश्विक स्थिति का जायजा लेने एवं इसके साथ ही इस विषय पर अपने-अपने विचारों का आदान-प्रदान करने का अवसर मिलेगा कि जी20 आखिरकार किस तरह से आर्थिक रिकवरी को और भी अधिक मजबूत करते हुए एवं महामारी के प्रतिकूल प्रभावों को बेअसर करते हुए समावेशी और सतत नवनिर्माण में एक अहम इंजन साबित हो सकता है।

पीएम ने कहा कि, इटली की अपनी यात्रा के दौरान पोप फ्रांसिस से भेंट करने और विदेश मंत्री कार्डिनल पिएत्रो पारोलिन से मिलने के लिए वेटिकन सिटी भी जाऊंगा।

पीएम ने कहा कि, जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान अलग से अन्य साझेदार देशों के राजनेताओं से भी मुलाकात करूंगा और इन सभी देशों के साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में अब तक हुई प्रगति की समीक्षा करूंगा।

पीएम ने कहा कि, 31 अक्टूबर को जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के बाद जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (यूएनएफसीसीसी) की 26वीं कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज (कॉप-26) में भाग लेने के लिए ग्लासगो के लिए प्रस्थान करूंगा। 1-2 नवंबर, 2021 को दुनिया भर के 120 राष्ट्राध्यक्षों/शासनाध्यक्षों के साथ कॉप-26 के उच्च-स्तरीय खंड ‘वर्ल्ड लीडर्स समिट’ (डब्ल्यूएलएस) में भाग लूंगा।

प्रकृति के साथ अद्भुत जुड़ाव रखने और पृथ्वी के प्रति सर्वोच्च सम्मान की संस्कृति की हमारी परंपरा के अनुरूप हम स्वच्छ एवं नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता, वनीकरण और जैव-विविधता का विस्तार करने के लिए महत्वाकांक्षी कदम उठा रहे हैं। आज भारत जलवायु अनुकूलन, शमन एवं सुदृढ़ता और बहुपक्षीय गठबंधन बनाने के सामूहिक प्रयास में नए कीर्तिमान बना रहा है।  भारत नवीकरणीय ऊर्जा, पवन और सौर ऊर्जा क्षमता हासिल करने के मामले में दुनिया के शीर्ष देशों में से एक है। डब्ल्यूएलएस में मैं जलवायु कार्रवाई पर भारत के उत्कृष्ट ट्रैक रिकॉर्ड और अब तक की हमारी उपलब्धियों को साझा करूंगा।

वायुमंडल में उत्‍सर्जित की जा सकने वाली कार्बन के समान वितरण, शमन एवं अनुकूलन के लिए आवश्‍यक सहायता देने एवं सुदृढ़ता निर्माण संबंधी उपाय करने, वित्त जुटाने, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और हरित एवं समावेशी विकास के लिए टिकाऊ जीवन शैली के महत्व सहित जलवायु परिवर्तन के विभिन्‍न मुद्दों को व्यापक रूप से सुलझाने की आवश्यकता पर भी प्रकाश डालूंगा।

कॉप-26 शिखर सम्मेलन इसके साथ ही समस्‍त साझेदार देशों के राजनेताओं, अन्वेषकों और अंतर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों सहित सभी हितधारकों के साथ मिलने एवं स्वच्छ विकास की हमारी मुहिम को और भी अधिक तेज करने की संभावनाओं का पता लगाने का अवसर भी प्रदान करेगा।

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