रुद्रप्रयाग
तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट वैदिक मंत्रोचार और रीति रिवाज के साथ शनिवार को शीतकाल के लिए बंद कर दिए जायेंगे। कपाट बंद करने के लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
पंच केदार में तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ मंदिर के कपाट शनिवार को शीतकाल के लिए बंद करने की प्रक्रिया सुबह 9 बजे से शुरू होगी। इस दौरान ब्राह्मणों द्वारा मंदिर के कपाट शीतकाल के बंद करने की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी।सुबह दस बजे भगवान तुंगनाथ के स्वयंभू लिंग को चंदन, भस्म, पुष्प, अक्षत्त से समाधि दी जाएगी। उसके बाद विधि-विधान के साथ भगवान तुंगनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बंद कर दिये जाएंगे।
भगवान तुंगनाथ के कपाट बंद होने के बाद चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पड़ावों से होते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए चोपता पहुंचेगी। 31 को भनकुन में विश्राम करेगी। जबकि 1 नवंबर को आराध्य तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ छह माह की शीतकालीन पूजा-अर्चना के लिए अपने शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कण्डेय मंंदिर विराजमान हो जाएंगे।