तुलसी विवाह आज : बैंड बाजा बारात और शहनाइयों की गूंज होगी शुरू, जानिए इस साल के विवाह मुहूर्त

पंडित उदय शंकर भट्ट

Uttarakhand

हिमशिखर धर्म डेस्क

चार महीनों के बाद शहनाइयों की गूंज शुरू हो जाएगी और बाजारों में खरीदारी भी रफ्तार पकड़ेगी। आज तुलसी विवाह पर्व के साथ ही विवाह सहित मांगलिक कार्य शुरू होंगे, जो 13 दिसंबर तक शुभ मुहूर्त में आयोजित होंगे। इसके लिए मैरिज हाॅल भी चकाचक किए जा रहे हैं।

देवशयन के कारण शादियों पर विराम लगा हुआ था। देवउठावनी एकादशी के दिन जब भगवान विष्णु शयनावस्था से उठते हैं, उसके बाद ही मांगलिक कार्यक्रम शुरू होते हैं। पुराण के मुताबिक इस दिन भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। इसी के साथ तप और नियम-संयम से रहने का चातुर्मास भी खत्म होता है। इस दिन से ही शादियां और गृह-प्रवेश जैसे मांगलिक कामों की शुरुआत हो जाती है।

इस बार आज 15 नवंबर को तुलसी विवाह पर्व के साथ ही चार महीने बाद बैंड, बाजा और बारात शुरू हो रहे हैं। अब 13 दिसंबर तक शादियों की धूम रहेगी। दो महीनों में विवाह के लिए करीब एक दर्जन शुभ मुहूर्त हैं। कई महीनों से इंतजार करते आ रहे लोग अब तैयारियों में जुट गए हैं और बैंड-बाजा के साथ बाराती भी तैयार हो गए हैं।

दो साल बाद घाटा होगा पूरा

दो साल से कोरोना के चलते शादी विवाह में सीमित संख्या में लोग शामिल हो रहे थे। इस कारण काफी लोगों ने विवाह शादियों की तिथि को आगे बढ़ा दिया था। अब मैरिज होम संचालकों को व्यापार के रफ्तार पकड़ने के साथ घाटे से उबरने की उम्मीद है। चाहे बैंड बाजे वाले हों, टैंट हाउस या फिर वैंकट हाॅल हों। सभी की बुकिंग

इन तिथियों में रहेगी शादियों की बहार

इसबार नवंबर में 15 नवंबर के अलावा, 16, 20, 21,  29, 30 नवंबर को विवाह आदि के शुभ मुहूर्त हैं इसके अलावा दिसंबर माह में 1, 2, 9, 11, 12, 13 को विवाह आदि के शुभ मुहूर्त हैं। इसके उपरांत 14 दिसंबर से मांगलिक कार्य नहीं होंगे।

ऐसे तय होता है विवाह मुहूर्त

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुभ मुहूर्त निकालने के लिए निम्न बातों का खास ध्यान रखा जाता है। तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, नवग्रहों की स्थिति, मलमास, शुक्र और गुरु अस्त, अशुभ योग, भद्रा, शुभ लग्न, शुभ योग तथा राहुकाल आदि इन्हीं के योग से शुभ मुहूर्त निकाले जाते हैं।

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