नई टिहरी।
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी ने अपने ऊपर लगे आरोपों का खंडन किया है। कहा कि उन्हें 10 साल से अधिक 10 हजार ग्रेड पे सेवा का अनुभव है और उन्होंने इस ग्रेड पे पर 1 जनवरी 2007 से वेतन का आहरण किया है।
मंगलवार को जारी एक बयान में कुलपति के रूप में अपने कार्यकाल के दो वर्ष पूर्ण होने पर डाॅ पीपी ध्यानी ने उपलब्धियों को गिनाते हुए कहा कि उच्च शिक्षा में गुणवत्ता लाने के लिए विश्वविद्यालय से संबद्ध 168 संस्थानों में नकलविहीन परीक्षाएं करवाई गई। कुलपति ने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रशासनिक और अकादमिक ढांचे को दुरुस्त करने के साथ ही नकलविहीन परीक्षा प्रणाली सम्पदित करने सहित कई कठोर निर्णय लिए गए।
कहा कि मान्यता प्रणाली को पारदर्शी, भ्रष्टाचारमुक्त और जवाबदेही बनाने के लिए आनलाइन पाॅर्टल की शुरूआत की गई। इससे विवि से संबद्ध निजी महाविद्यालयों की मनमानी पर अंकुश लगा। कुलपति डाॅ ध्यानी ने कहा कि विवि में प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने के लिए स्वयं वित्त अनुभाग में बैठे, जिससे लंबे समय से लंबित 80 प्रकरणों का भुगतान हुआ और कर्मचारियों को तत्परता और ईमानदारी से कार्य करने की प्रेरणा मिली।
डाॅ ध्यानी ने कहा कि विश्वविद्यालय में व्याप्त शैक्षणिक भ्रष्टाचार पर भी नकेल कसने का कार्य किया गया है। कहा कि पूर्व कुलसचिव को विश्वविद्यालय में अमर्यादित कार्य करने पर कुलसचिव के पदीय दायित्वों से विरत किया गया। कहा कि पूर्व में निजी संस्थानों में तय सीटों से अधिक प्रवेश के मामले पर जांच बैठाने का निर्णय लिया गया। विश्वविद्यालय में तैनात दो सहायक परीक्षा नियंत्रकों के दस्तावेजों की जांच शुरू करने के लिए समिति का गठन किया गया है। विश्वविद्यालय में मानव संसाधन की कमी को देखते हुए अधिकारी और कर्मचारियों के घंटा अतिरिक्त कार्य करने से पूरे प्रदेश में अच्छा संदेश गया है।
कुलपति से जब उन पर जांच बैठाने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि शिकायतों की सत्यता के आधार पर जांच होती है। कहा कि समाचार पत्रों के माध्यम से उन्हें यह जानकारी मिली है। हालांकि, उनके खिलाफ किसी भी प्रकार की अभिलेखीय जांच की जानकारी नहीं है। कहा कि शिकायत में कहा गया है कि उन्हें 10 हजार का ग्रेड पे वेतन पर 2016 से कार्य करने का अनुभव है, जिस कारण वह कुलपति पद की अर्हता पूरी नहीं करते। इस पर कुलपति डाॅ ध्यानी ने बताया कि उन्हें 10 साल से अधिक 10 हजार ग्रेड पे सेवा का अनुभव है और उन्होंने इस ग्रेड पे पर 1 जनवरी 2007 से वेतन का आहरण किया।
उन्होंने यह भी बताया कि पहले जब प्रोफेसर का 4500 वाला स्केल होता था, तब वह इस स्केल पर 20 वर्ष पूर्व ही नियुक्त हो गए थे। कुलपति ने कहा कि उनके कठोर निर्णयों से भयभीत होकर कुछ लोग उनके खिलाफ षडयंत्र रच रहे हैं।