शराब की बढ़ती खपत और खतरे

यह स्वीकारने में हर्ज नहीं कि पिछले कुछ दशक में केवल व्यक्तिगत तौर पर ही नहीं बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक समारोहों में शराब सेवन का प्रचलन बढ़ा है और शराब के सेवन को बुराई के तौर पर देखने की प्रवृत्ति कमजोर हुई है। अब भारतीय समाज में शराब के सेवन को आनंद और खुशी से जोड़ दिया गया है। उसका कुपरिणाम यह है कि युवा वर्ग शराब सेवन की ओर तेजी से आकर्षित हुआ है। सामाजिक संगठनों की मानें तो युवाओं में शराब पीने के खतरों के प्रति जागरूकता का बेहद अभाव है।

Uttarakhand

पंडित हर्षमणि बहुगुणा

कैसे कहें कि नशीली वस्तुओं का प्रयोग न करें, कैसे कहें कि शराब है खराब, कैसे कहें कि अपने बच्चों को सुसंस्कृत बनाने का प्रयास कीजिए? आज देश के कतिपय हिस्सों में राज्य सरकार की आमदनी बढ़ाने के लिए शराब की दुकानों को खोलने के लिए नियमों को ताक पर रखकर लाइसेंस दिए जा रहे हैं।

एक तरफ माताएं बहनें बड़ी संख्या में अपने पाल्यों को नशे से दूर रहने के लिए प्रयासरत हैं तो दूसरी ओर राज्य सरकारें ज्यादा से ज्यादा शराब की दुकानों को खुलवाकर नशा युक्त माहौल तैयार कर रही हैं। बहुत फक्र से कह सकता हूं कि जिसे शराब नहीं पीनी होती है वह नहीं पीएगा, पर देखा देखी यह रोग एक न एक दिन जरूर लग जाएगा।

सोचिए! जो केजरीवाल पंजाब में जाकर नशे के खिलाफ बोलता है उसने दिल्ली को नशे की दलदल में धकेल दिया, और इतना ही नहीं जो आम आदमी पार्टी निजीकरण के खिलाफ है उसने आबकारी विभाग और आबकारी पॉलिसी का पूरी तरह से निजी करण कर दिया।

अब केजरीवाल सरकार ने जो शराब के क्षेत्र में नया “क्रांतिकारी सुधार” किया है उसमें से प्रमुख बात यह है कि —-

1:- अब दिल्ली के होटलों में 24 घंटे शराब मिलेगी।

2:- शराब पीने की उम्र 25 साल से घटाकर 21 साल कर दिया है।

3:- महिलाओं के लिए विशेष शराब की दुकान यानि पिंक बार खोले गए हैं ताकि महिलाएं आसानी से शराब पी सकें और उन्हें शराब पीने में कोई झिझक ना हो।

4:- शराब बनाने वाली कंपनियों ने दुकानों में लोगों को शराब पीने को उकसाने के लिए विजुअल प्रचार करने की अनुमति दी गई है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग शराबी बन सकें।

5:- अब शराब की दुकानों को लाउंज के तौर भी विकसित किया जा सकेगा।

6:- अब दिल्ली में शराब एम आर पी पर नहीं बिकेगी बल्कि हर दुकान का यह अधिकार होगा कि वह कितना प्रतिशत सर्विस शुल्क वसूलता है।

7:- होटलों में 24 घंटे शराब मिलेगी और किसी भी ऐप के द्वारा यानी जोमैटो या स्विग्गी के द्वारा आप शराब का ऑर्डर कर सकते हैं और शराब आपके घर तक पहुंचा दी जाएगी।

8:- और अब शराब की दुकान के नीति नियम में सरकार का कोई दखल नहीं होगा यानी कि अब कोई भी व्यक्ति कहीं भी शराब की दुकान खोल सकता है पहले सरकार की सरकारी लाइसेंस वाली शराब की दुकानें होती थी अब नहीं होंगी।

9:- दिल्ली सरकार ने हर एक वार्ड में अनिवार्य रूप से तीन शराब की दुकान खोलने का आदेश दिया है ।

10:- दिल्ली में कुल 272 वार्ड है और हर एक वार्ड में शराब की कम से कम 3 दुकानें होंगी और अधिक की कोई सीमा नहीं है ।

11:- पहले शराब की दुकान खोलने के नियम थे कि वह मंदिर धार्मिक स्थल और स्कूल के करीब नहीं होनी चाहिए अब यह नियम हटा दिया गया है अब स्कूल कॉलेज और मंदिर के पास भी कोई शराब की दुकान खोल सकता है ।

12:- दिल्ली में 272 वार्ड हैं उसमें से 80 वार्ड में शराब की एक भी दुकान नहीं थी और 45 वार्ड ऐसे थे जहां शराब की सिर्फ एक दुकान थी यानी दिल्ली का करीब 60% एरिया ऐसा था जहां शराब की दुकान स्थानीय लोगों के विरोध के कारण संचालित नहीं होती थी लेकिन अब केजरीवाल ने आदेश दिया है कि हर वार्ड में कम से कम 3 दुकानें खोली जानी चाहिए।

दरअसल यही तो असली क्रांति है, इसी के लिए तो हम लड़ रहे थे !

आश्चर्य है कुछ लोग ‘शराब नहीं संस्कार दीजिए’ की मुहिम चला रहे हैं, तो अन्य सत्ता पक्ष या नेतृत्व की ओर अग्रसर होने वाले तथा कथित नेता या तो इस तरह के व्यवसाय में संलिप्त हैं या ऐसी स्थिति परिस्थिति को जन्म देते हैं कि आम आदमी नशे की प्रवृत्ति का शिकार हो।

‘फिर भी हम आशान्वित हैं कि विश्व गुरु भारत इस परिस्थिति से निपटने में सक्षम होगा।’

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