हिमशिखर खबर ब्यूरो।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा के दिन भगवान नारायण की पूजा, स्नान और दान का विधान है। मान्यता है जो कोई भी व्यक्ति मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर स्नान और दान करता है, उनका जीवन खुशियों और समृद्धि से भरा रहता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा का महत्व
पूरे महीने पूजा-पाठ और व्रत करने वालों के लिए पूर्णिमा का दिन सर्वश्रेष्ठ माना गया है। इस दिन तीर्थ या किसी पवित्र नदी में स्नान कर के दान करने से पापों का नाश होता है। मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर गीता पाठ करने का भी महत्व है। इस दिन गीता पाठ करने से पितरों को तृप्ति प्राप्त होती है।
क्या करें इस दिन
1. पूर्णिमा पर सूर्योदय से पहले उठकर नहाएं अगर संभव हो तो किसी तीर्थ पर जाकर नहाएं।
2. इस दिन तामसिक चीजों जैसे लहसुन, प्याज, मांसाहार, मादक वस्तुएं और शराब से दूर रहें।
3. दिन में न सोएं और झूठ न बोलें।
4. मार्गशीर्ष पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण की पूजा की जाती है।
5. पूजा में भगवान को चूरमा का भोग लगाना चाहिए।
6. श्रद्धा के अनुसार गरीबों और ब्राह्मण को भोजन करवाएं और दान दें।
7. ऐसा करने से भक्तों के संकट दूर हो जाते हैं और उन्हें मानसिक शांति भी मिलती है।