नई दिल्ली
नदी उत्सव के तीसरे दिन देश भर में उत्सव का माहौल दिखा, जिसके तहत 16 से ज्यादा राज्यों और 41 जिलों में गतिविधियों का आयोजन किया गया। इसमें उत्तराखंड के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, नैनीताल, रामनगर और अल्मोड़ा; उत्तर प्रदेश के वाराणसी, मथुरा, प्रयागराज, आगरा, इटावा, अयोध्या, शाहजहांपुर, भदोही और बलिया; पश्चिम बंगाल हुगली, बर्धवान और मालदा; हिमाचल प्रदेश में मंडी; ओडिशा में संबलपुर; बिहार में कटिहार, भोजपुर और भागलपुर; हरियाणा में पानीपत, सोनीपत और करनाल; जम्मू व कश्मीर में लेह लद्दाख और केरल में एर्नाकुलम शामिल थे।
ये उत्सव कई केंद्रीय और राज्य स्तर की एजेंसियों व विभागों, जिला प्रशासनों, स्कूलों व कॉलेजों के छात्रों, नेहरू युवा केंद्र संगठन, गंगा विचार मंच, गंगा प्रहरी, राष्ट्रीय सेवा योजना, नेशनल कैडेट कॉर्प आदि जैसे स्वयंसेवी संगठनों और स्वयंसेवी समूहों के समर्थन से आयोजित किए जा रहे हैं।
इनमें पौधारोपण अभियान, क्लीनाथन, गंगा आरती, चित्रकारी और पेंटिंग प्रतियोगिता, नारा लेखन, नदी पूजन, नदी मैराथन, नौका दौड़, स्टोरी टेलिंग सत्र आदि कई गतिविधियों का आयोजन किया गया।
नदी उत्सव 16 दिसंबर को शुरू हुआ और यह देश भर में 23 दिसंबर तक जारी रहेगा। नदी उत्सव एक अखिल भारतीय आयोजन है जो संयुक्त रूप से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन, जल शक्ति मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय और पर्यटन मंत्रालय द्वारा आयोजित किया गया है। नदी उत्सवों का आयोजन ब्रह्मपुत्र, इंडस, नर्मदा, साबरमती, महानदी, कृष्णा, गोदावरी, कावेरी, गंगा, यमुना सहित कई नदियों पर किया जा रहा है। इन उत्सवों का आयोजन चार चुनी गई विषयवस्तुओं – स्वच्छता, देश भक्ति, प्रकृति और पारिस्थितिकी, भक्ति और आध्यात्म के तहत किया जा रहा है। ये उत्सव भारत की स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में हो रहे आजादी का अमृत महोत्सव के तहत हो रहे हैं। नदी उत्सव के लिए, 22 से अधिक राज्यों और 170 से अधिक जिलों में देश में 10 प्रमुख नदियों के साथ-साथ कई अन्य नदियों पर उत्सव के लिए कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
आयोजित गतिविधियों की झलक चित्रों में
लेह लद्दाख
नैनीताल, उत्तराखंड
चुनार, उत्तर प्रदेश
प्रयागराज, उत्तर प्रदेश
वाराणसी, उत्तर प्रदेश
संबलपुर, उड़ीसा