नई टिहरी।
रैबार “एक नए उत्तराखण्ड का” कार्यक्रम का आयोजन मुनि की रेती में किया गया। इस दौरान सूबे से हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर करते हुए लोगों से घर वापसी की अपील की गई।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत करते हुए राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (से.नि.) गुरमीत सिंह ने सीडीएस स्व० बिपिन रावत व उनकी धर्मपत्नी स्व० मधुलिका के चित्र पर श्रद्धा सुमन अर्पित किये। उन्होंने कहा कि मैं उनके साथ आर्मी में रहा हूँ और मैंने उन्हें बहुत करीब से देखा व जाना है। वे उत्तराखण्ड के सच्चे और अच्छे योद्धा थे। उनको खोना उत्तराखण्ड ही नहीं अपितु पूरे राष्ट्र के लिए अपूरणीय क्षति का विषय है। उन्होंने कहा कि सीडीएस स्व. रावत की सोच और विजन ही अलग था। उन्होने भारतीय सेना के जवानों का हमेशा से मनोबल बढाने का कार्य किया है।
उन्होने कहा कि उत्तराखण्ड सैनिकों की भूमि है। यहां के लगभग हर घर में टोपी और बेल्ट मिलेगी जो गौरव का बिषय है। उन्होंने उत्तराखण्ड से हो रहे पलायन पर चिंता जाहिर की तथा लोगों से रैबार कार्यक्रम के माध्यम से घर वापसी की अपील की। उन्होंने कहा कि जब से मैंने उत्तराखण्ड के राज्यपाल का पदभार सम्भाला है तभी से मेरा लक्ष्य यहां के सैनिकों तक पहुंचने का रहा है।
उन्होंने कहा कि मैं पौड़ी और टिहरी के दौरे पर गया था और वहां की विभिन्न स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से भी मिला। उनका स्वावलंबी होना उत्तराखण्ड के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि चार धाम यात्रा मार्ग पर हो रहे कार्यो के लिए बीआरओ के द्वारा सराहनीय कार्य किये जा रहे हैं। इस अवसर पर राज्यपाल सिंह द्घारा सीडीएस स्व० विपिन रावत के परिजन सत्यपाल सिंह को शॉल ओढाकर सम्मानित किया।
इस अवसर पर प्रदेश के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने कहा कि जो हमारे गांव बार्डर क्षेत्र में है वहां से होने वाले पलायन चिंता का विषय है जो कि उत्तराखंड के साथ -साथ देश के लिए खतरा है। जिस पर सुधार करने की जरूरत है। इसी क्रम में सरकार ने पर्यटन व औधोगिक कृषि के क्षेत्र में अनेक कार्य किये है, जिससे बढते हुए पलायन पर रोक लग सकेगी।
इस अवसर पर लगाये गये विभिन्न स्टालों का निरीक्षण राज्यपाल व कृषि मंत्री द्घारा किया गया।
इस अवसर पर प्रमुख एनटीआरओ अनिल धस्मान, महानिदेशक भारतीय अंतरिक्ष संघ अनिल भट्ट, सदस्य एनडीएमए राजेन्द्र सिंह, निदेशक एचडीआरआई डॉ० मनमोहन सिंह चौहान, पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड अशोक कुमार, जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव, पदम श्री प्रेमचन्द्र शर्मा, प्रिंसिपल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान कर्नल अमित बिष्ट सहित अन्य लोग व साधु संत उपस्थित थे।