कमांडेंट नत्थू सिंह सजवाण के स्मारक का किया गया अनावरण

यशपाल सजवाण

Uttarakhand

चम्बा

प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले बहादुर कमांडेंट स्व. नत्थू सिंह सजवाण के नवनिर्मित स्मारक का गुल्डी  में अनावरण किया गया।

शनिवार को चम्बा ब्लॉक के ग्राम सभा गुल्डी में प्रथम और द्वितीय विश्व युद्ध में अदम्य साहस दिखाने वाले सरदार बहादुर कमांडेंट स्व. नत्थू सिंह सजवाण के नवनिर्मित स्मारक का अनावरण करते हुए क्षेत्रीय विधायक धन सिंह नेगी, पूर्व काबीना मन्त्री दिनेश धनै, पूर्व विधायक किशोर उपाध्याय, नगर पालिका अध्यक्ष सुमना रमोला और जैव विविधता समिति के अध्यक्ष रघुवीर सजवाण ने संयुक्त रूप से करते हुए कहा कि चम्बा वीरो की भूमि है। इस वीर भूमि में जन्मे सरदार बहादुर कमांडेंट स्व. नत्थू सिंह सजवाण ने जहां प्रथम व द्वितीय विश्व युद्ध मे अपना अदम्य साहस दिखाया वहीं दूसरी ओर उन्होंने चम्बा के विकास व समाज के लिए अपनी कई एकड़ भूमि दान की, जिसमे आज ब्लॉक मुख्यालय का भवन व कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, रेडक्रॉस का हॉस्पिटल सहित अन्य भवन बने हैं। कहा कि हमे ऐसे महान विभूतियों से प्रेरणा लेनी चाहिए।

ग्राम सभा गुल्डी के य प्रधान परमजीत सजवाण ने चम्बा ब्लॉक मुख्यालय के सभागार का नाम स्व. सरदार बहादुर कमांडेंट नत्थू सिंह सजवाण के नाम पर रखने की मांग की। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों की छात्र छात्राओं ने देश भक्ति गीतों पर अपनी रंगा रंग प्रस्तूतियां दी।

इस मौके पर ब्लॉक प्रमुख शिवानी बिष्ट, जेष्ठ प्रमुख व उजपा के जिलाध्यक्ष संजय मैठाणी, जिला पंचायत सदस्य यलमा सजवाण, धनवीर पुरषोडा, दुग्ध संघ के जिलाध्यक्ष जगदम्बा बैलवाल, पूर्व प्रमुख आनन्दी नेगी, पूर्व जेष्ठ प्रमुख नरेंद्र चन्द रमोला, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख साब सिंह सजवाण, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य दर्मियान सिंह सजवाण आदि मौजूद रहे।

नत्थू सिंह सजवाण का जीवन परिचय

स्व.सरदार बहादुर कमांडेंट नत्थू सिंह सजवाण का जन्म चम्बा ब्लॉक के ग्राम सभा गुल्डी में 25 दिसंबर सन 1888 को हुआ। ये टिहरी रियासत के अंतिम सेनापति थे। इन्होंने प्रथम एवं द्वितीय विश्वयुद्ध में अपना अदम्य साहस दिखाते हुए जर्मन सेना के दाँत खट्टे किये थे उनके अदम्य साहस के लिए तत्कालीन ब्रिटिश सरकार ने उन्हें सरदार बहादुर, मैन्शन इन डिस्पैच, आर्डर ऑफ ब्रिटिश इंडिया, मेम्बर ऑफ ब्रिटिश एम्पायर से नवाजा ।

चम्बा के विकास के लिए उन्होंने अपनी कई एकड़ भूमि दान की, जिसमें आज रेड क्रॉस का हॉस्पिटल, ब्लॉक मुख्यालय भवन व कार्यालय, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आदि बने है। इनका देहावसान 19 मई 1950 को गुल्ड़ी मे हुआ।

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