पिछले साल दिसंबर में हुए हेलिकॉप्टर हादसे की जांच कर रही कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी ने इस दुर्घटना के कारण के बारे में जानकारी साझा की है और कुछ सिफारिशें भी भेजी हैं। सरकारी बयान में आज बताया गया है कि हेलिकॉप्टर दुर्घटना में ‘कोर्ट ऑफ इंक्वायरी’ ने अपने प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है।
नई दिल्ली
8 दिसंबर को तमिलनाडु में CDS जनरल बिपिन रावत के एमआई-17 वी5 हेलिकॉप्टर दुर्घटना के संबंध में तीनों सेनाओं की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने अपनी प्रारंभिक निष्कर्ष रिपोर्ट सौंप दी है। जांच दल ने इस दुर्घटना के सबसे संभावित कारणों का पता लगाने के लिए सभी गवाहों से पूछताछ के अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर तथा कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का गहन विश्लेषण किया है। यह हादसा मौसम में हुए अचानक बदलाव की वजह से हुआ।
कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी की फाइंडिग्स में हेलीकॉप्टर में किसी भी तरह की तकनीकी खराबी, आंतरिक गड़बड़ी या किसी लापरवाही की संभावना को खारिज किया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटी में मौसम की स्थिति में अप्रत्याशित बदलाव देखने को मिला, जिसकी वजह से हेलिकॉप्टर बादलों के बीच जाकर फंस गया और दुर्घटनाग्रस्त हो गया। बादलों की वजह से पायलट को दिशाभ्रम हो गया और हेलिकॉप्टर अनियंत्रित होकर जमीन से जा टकराया। जांच दल ने दुर्घटना के सबसे संभावित कारण का पता लगाने के लिए सभी उपलब्ध गवाहों से पूछताछ की। इसके अलावा फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर का एनालिसिस किया गया। अपने नतीजों के आधार पर, कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने कुछ सिफारिशें की हैं जिनकी समीक्षा की जा रही है।