नई दिल्ली
थल सेनाध्यक्ष जनरल मनोज मुकुंद नरवणे का दो दिवसीय भोपाल दौरा आज समाप्त हो गया। इस दौरान सेना की दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन भी नरवणे के साथ मौजूद थे। सुदर्शन चक्र कोर कमांडर और अन्य कमांडरों ने थल सेनाध्यक्ष (सीओएएस) को ऑपरेशन संबंधी तत्परता और सेना के विन्यास को आधुनिक, एकजुट, चुस्त तथा मुस्तैदी के साथ युद्ध लड़ने वाले बल में बदलने की दिशा में किए जा रहे सुधारों के बारे में जानकारी दी। सेना प्रमुख ने कोविड महामारी को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद सेना के उच्च स्तर की ऑपरेशन संबंधी तैयारियों की सराहना की। उन्होंने मध्य प्रदेश के दतिया, शिवपुरी, श्योपुर, मुरैना, अशोकनगर और जालों में बाढ़ राहत अभियान चलाने में उनके सक्रिय दृष्टिकोण की सराहना की। सीओएएस ने सैनिकों के साथ भी बातचीत की और उन्हें उत्साह के साथ काम करना जारी रखने तथा भविष्य के किसी भी ऑपरेशन की चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया।
सेना प्रमुख ने बाद में पश्चिम मध्य प्रदेश उप-क्षेत्र के मुख्यालयों का दौरा किया। उन्होंने एडहॉक कोविड आइसोलेशन सुविधाओं की स्थापना, महत्वपूर्ण जीवन रक्षक उपकरणों के प्रावधान और मरम्मत व सिविल मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर के संवर्धन द्वारा कोविड-19 महामारी से निपटने में नागरिक प्रशासन की सहायता करने में उप-क्षेत्र की भूमिका की सराहना की। सीओएएस ने बैरागढ़ सैन्य-अड्डा के 3 ईएमई केंद्र का भी दौरा किया और भारतीय सेना के जवानों की भावी पीढ़ी को सांचे में ढालने के लिए दिए जा रहे प्रशिक्षण की समीक्षा की।