खामोशी अपने आप में एक बड़ा हथियार है और अगर हम इतिहास के पन्नो को पलट कर देखें तो पाएंगे की अक्सर कई लोगों ने, जिनमें वैज्ञानिक, दार्शनिक, कलाकार, योगी आदि हैं, उन्होंने इस हथियार को भली भांति समझा और इसका उपयोग अपने जीवन में किया। कुछ इसी प्रकार कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय भी पिछले कई दिनों से सियासी खामोशी ओढ़कर राजनीतिक मंथन में जुटे हैं। फिलहाल किशोर को लेकर सबसे बड़ा सवाल अभी भी यही तैर रहा है कि वो किस सियासी नाव में सवारी करेंगे?
हिमशिखर खबर ब्यूरो।
नई टिहरी।
उत्तराखंड चुनाव में टिहरी विधानसभा हॉट सीट बन गई है। अभी तक बीजेपी और कांग्रेस ने इस सीट पर किसी प्रत्याशी को नहीं उतारा है। इस सीट पर जहां बीजेपी कांग्रेस का इंतजार कर रही है। वहीं कांग्रेस को बीजेपी की लिस्ट जारी होने का इंतजार है। जबकि नामांकन प्रक्रिया खत्म होने में महज तीन दिन बचे हुए हैं। उसके बावजूद दोनों ही दलों ने इस सीट पर प्रत्याशियों का ऐलान नहीं किया है। दरअसल, चर्चा है कि बीजेपी कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की ‘हां’ का इंतजार कर रही है। जबकि कांग्रेस को इस सीट पर बीजेपी के प्रत्याशी के घोषित होने का इंतजार है। लेकिन अभी किशोर ने खामोशी ओढ़ी हुई है।
बताते चलें कि 40 साल से ज्यादा समय से पार्टी से जुड़े किशोर पार्टी के अन्य नेताओं के रवैये से आहत होकर खामोश चल रहे हैं। किशोर कांग्रेस में उन्हें लेकर उपजे अविश्वास को खत्म कर नए सिरे से सक्रिय होने या दूसरे दल का दामन थामने को लेकर मंथन कर रहे हैं। ऐसे में चुनावी सरगर्मी के बीच उनकी खामोशी के कई मायने निकाले जाने लगे थे। इसी बीच सोमवार देर रात किशोर ने एक ट्वीट कर टिहरी वासियों को एक संदेश दिया। इस ट्वीट के बाद से अब यह साफ हो गया है कि किशोर टिहरी से चुनावी मैदान में उतरने वाले हैं।
सियासी चौराहे पर खड़े हैं किशोर, किस तरफ बढ़ायेंगे कदम?
पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय उस सियासी चौराहे पर खड़े हैं, जहाँ से मंजिल तक पहुँचने के लिए उन्हें किसी एक सियासी नाव पर सवारी करनी होगी। उम्मीद की जा रही है कि आज इस मामले से सस्पेंस खत्म हो जाएगा। वहीं, इस मामले पर पूर्व पीसीसी चीफ किशोर से पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इंकार किया। कहा कि जल्द ही इस मामले पर पूरी बात रखेंगे।