पसर के लोगों नहीं किया वोट- गुलदार की धमक से खौफजदा ग्रामीणों ने किया चुनाव का बहिष्कार, बोले-पहले आदमखोर गुलदार को मारो

नरेंद्रनगर।

Uttarakhand

पसर गांव के लिए सोमवार का दिन दुःखद खबर लेकर आया। गुलदार के हमले में गांव के 54 वर्षीय राजेंद्र सिंह की मौत ने पूरे गांव को झकझोर दिया। इस घटना से गांव का हर कोई गमगीन होने के साथ ही आक्रोशित भी दिखा। मौके पर पहुंचे वन विभाग की टीम ने खौफजदा ग्रामीणों को सुरक्षा का पूरा भरोसा दिलाया। लेकिन ग्रामीणों ने गुलदार को मारे जाने के बाद ही मतदान करने की बात कही। जिस कारण पसर के दो बूथों पर ग्रामीणों ने मतदान नहीं किया।

सोमवार सुबह पसर गांव के ग्रामीण मतदान के लिए अपने बूथ पर जाने की तैयारी कर रहे थे। लेकिन इतने में सूचना मिली कि गांव के राजेंद्र सिंह को गुलदार ने अपना निवाला बना दिया है। दरअसल, राजेंद्र सिंह (भगत जी) की गांव में अच्छी प्रतिष्ठा थी। अचानक से इस घटना की खबर से गांव में माहौल गमगीन हो गया। ऐसे में गांव के लोग पीड़ित परिवार के घर की ओर चल दिए। वहीं वन विभाग और राजस्व विभाग की टीम भी घटना स्थल पर पहुंची। दोपहर बाद जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव ने पसर पहुंचकर बाघ के हमले से मृतक राजेंद्र के परजनों से मिलकर शोक संवेदना व्यक्त करते हुए सांत्वना दी। इस दौरान उन्होंने मृतक के परिजनों की हर सम्भव मदद करने का भरोसा दिलाया। उन्होंने ग्रामवासियों की शिकायत एवं मांगो का तुरंत संज्ञान लेते हुए 3 शूटर बुलवाकर आदमखोर बाघ को मारने के निर्देश संबंधित अधिकारी को निर्देश दिए। साथ ही बाघ के मारे जाने तक बच्चों के स्कूल आने जाने हेतु 2 से 3 वाहन लगाने के निर्देश दिए।

बताते चलें कि क्षेत्र में गुलदार का आतंक पिछले लंबे समय से है और गुलदार कई लोगों पर हमला भी बोल चुका है। पूर्व प्रधान जोत सिंह रावत का कहना है कि गुलदार के खौफ के कारण लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। कहा कि बूथ तक पहुँचने के लिए ग्रामवासियों को घने जंगलों से होकर पैदल चलना पड़ता है। गुलदार की धमक से खौफ के कारण किसी ने भी मतदान नहीं किया। कहा कि यदि समय पर ही गुलदार को मार दिया जाता तो आज राजेंद्र की मौत न होती। वहीं, देर सायं तक ग्रामीणों ने मतदान में भाग नहीं लिया। रिटर्निंग आफिसर देवेंद्र सिंह नेगी ने बताया कि ग्रामीणों की सभी मांगों पर कार्रवाई कर दी है। स्वयं डीएम भी मौके पर गई। बावजूद इसके ग्रामीणों ने वोटिंग के लिए हामी नहीं भरी।

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