इस ‘देवभूमि’ में काम के चारों ओर असर की दिव्यता भी है, देवों की भूमि, देवताओं की पवित्रता उनकी शाश्वत उपस्थिति और विश्वास और विश्वास में .. हमेशा वह उपस्थिति हमेशा रहेगी .. क्योंकि बहुत कुछ है जिसके अस्तित्व की बिल्कुल भी व्याख्या नहीं है.. रहस्य और मिथक, धार्मिक विश्वास का इतिहास और परमात्मा की शक्ति..
कभी-कभी उन लाखों प्रश्नों के उत्तर बहुत कम या कोई नहीं होते हैं जो मानव जाति चाहते हैं लेकिन विश्वास के प्रमाण में समझाने के लिए बहुत कम है .. ऐसा नहीं है कि हम अकेले हैं .. यह है कि हम वही हैं जो हमारे चारों ओर है .. हम सभी एक ही नाव में हैं .. आकार और आकार भिन्न हो सकते हैं, पानी हमारे अनुकूल नहीं हो सकता है उनके साथ पैदा हुए.. उनके समय और युग की शिक्षाओं ने हमारे लिए जीना संभव बना दिया.. और हम उनके कारण जीवित रहते हैं.. यही सत्य है..
हमारा जन्म प्रकृति के विश्वासों से पैदा हुआ है – या जो भी नाम हम इसे देना चाहते हैं .. परिवेश और भूमि की स्थिति के कारण अभिव्यंजक भिन्न हो सकते हैं .. प्रचलित होने के कारण, बिना विकल्प के .. कारण जन्म के साथ क्या पैदा हुआ था .. और वही हमारा शाश्वत जीवन और असर बन जाता है ..
कुछ इसे जीवन कहते हैं .. कुछ इसे जीते हैं .. कुछ अस्तित्व ..
लेकिन सच तो यह है कि सभी में एक समानता है..
वे सभी सांस लेते हैं .. जीवन और अस्तित्व की हवा ..
यहाँ रात की खामोशी और एकांत में, जब आराम रात को आराम देता है .. मैं दिल की धड़कन सुनता हूं .. और यह जीवित रखने के लिए कितनी मेहनत करता है .. और आप खुद को दूसरे में सोते हैं सपने और स्वस्थ होने की रात ..