श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण मात्र से होता है कल्याण : तिलक राम चमोली

नई टिहरी

Uttarakhand

पाटा गाँव के नरसिंह मंदिर स्थित प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ कलश शोभायात्रा के साथ हुआ। सात दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा के प्रथम दिन सुबह के पहर भक्तों ने ढोल नगाड़े के साथ कलश शोभायात्रा निकाली। कलश यात्रा में विभिन्न प्रकार की मनमोहक झांकियां ग्रामीणों के बीच आकर्षण का केंद्र बनी रही।

रविवार को नरसिंह मंदिर में सर्वप्रथम आयोजन स्थल पर विधि-विधान से पूजा अर्चना की। इसके बाद पीले वस्त्र में सिर पर कलश लेकर महिलाओं और कन्याओं को माथे पर तिलक लगाकर यात्रा के लिए प्रस्थान कराया। शोभायात्रा गाँव के विभिन्न मार्ग से होते हुए पुन: कथास्थल पर पहुंची।

कथा के पहले दिन कथा वक्ता पंडित तिलक राम चमोली ने कहा कि सभी कथाओं में श्रीमद्भागवत कथा श्रेष्ठ है। जिस स्थान पर भागवत कथा का आयोजन होता है, वह तीर्थ स्थल कहलाता है। इसे सुनने और आयोजन करने का सौभाग्य प्रभु प्रेमियों को ही मिलता है। इसके सुनने से मनुष्य बुराई त्याग कर धर्म के रास्ते पर चलने के साथ-साथ मोक्ष को प्राप्त करता है। कहा कि कथा में सुनी बातों को जीवन में उतारें। कहा कि गोमाता व भारत माता की रक्षा के लिए लोगों से हमेशा आगे आने चाहिए तथा नेक कामों में अपना योगदान देना चाहिए। इस मौके पर भजन कीर्तनों से क्षेत्र का वातावरण भक्तिमय हो गया।

इस मौके पर दिनेश चमोली, रविंद्र प्रसाद चमोली, मुकेश चमोली, हिमानंद भट्ट, सुनील भट्ट, वेद प्रकाश, कृष्णा नंद चमोली, सत्येशवर चमोली सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

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