वैशाख महीने में जलदान करने से मिलता है कई यज्ञों का पुण्य, इस माह कर सकते हैं ये शुभ कर्म

हिमशिखर खबर ब्यूरो

Uttarakhand
हिन्दी पंचांग का दूसरा महीना वैशाख शुरू हो गया है। इस महीने में गर्मी काफी अधिक रहती है, इन दिनों में जल दान करने का और तीर्थ स्नान करने का विशेष महत्व है।
वैशाख महीने में पक्षियों के लिए जल की व्यवस्था जरूर करनी चाहिए, क्योंकि इन दिनों में अधिकतर नदी-तालाब सूख जाते हैं, इस कारण पक्षियों को पानी नहीं मिल पाता है। इस महीने में तीर्थ में स्नान करने से तन और मन को शीतलता मिलती है। तीर्थ क्षेत्र में पितरों के लिए तर्पण भी करना चाहिए।
वैशाख माह में कर सकते है ये शुभ कर्म
वैशाख महीने में शिव मंदिरों में शिवलिंग पर लगातार जलधारा की अभिषेक किया जाता है। शिवलिंग के ऊपर मिट्टी के कलश स्थापित किए जाते हैं और शिव जी को शीतलता देने के लिए उसमें से लगातार गिरती हुई जल की धारा से अभिषेक करते हैं। इस शुभ काम के लिए मंदिरों में मिट्टी के कलश दान करना चाहिए।
इस महीने में पीपल को रोज पानी चढ़ाना चाहिए। पीपल को श्रीकृष्ण का स्वरूप माना जाता है। इस वजह से इस वृक्ष की पूजा से श्रीकृष्ण की प्रसन्नता मिल सकती है। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर स्थित अन्य पेड़-पौधों को पानी मिलता रहे, इसकी व्यवस्था करनी चाहिए।
  • वैशाख महीने में रोज सुबह जल्दी उठकर स्नान करना चाहिए और सूर्य को अर्घ्य देकर दिन की शुरुआत करनी चाहिए।
  • सार्वजनिक स्थान पर प्याऊ लगवाएं। अगर ये संभव न हो तो प्याऊ में मटके का दान करें, पानी व्यवस्था करें।
  • गवान विष्णु और महालक्ष्मी का दूध से अभिषेक करना चाहिए। तुलसी के साथ मिठाई का भोग लगाएं।
  • वैशाख माह में शिवलिंग का जलाभिषेक करें, साथ ही भगवान को बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, इत्र, जनेऊ, हार-फूल आदि शुभ चीजें अर्पित करें। ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जाप करें। धूप-दीप जलाएं और आरती करें।
  • जरूरतमंद लोगों को जूते-चप्पल और छाते का दान करें। सूती वस्त्रों का दान करें। गौशाला में हरी घास और गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
  • इस महीने में गर्मी अधिक रहती है, इसलिए खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। खाने में ऐसी चीजें अधिक शामिल करें, जिनसे शरीर को पानी मात्रा पर्याप्त में मिलता रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *