आगामी लोकसभा चुनावों को देखते हुए बीेजेपी अपने 70 की उम्र पार कर चुके नेताओं को टिकट नहीं दे सकती है। पार्टी अब उम्र सीमा को लेकर अपने नियमों को कड़े करने पर विचार कर रही है।
हिमशिखर खबर ब्यूरो
नई दिल्ली
‘बूथ जीता ताे चुनाव जीता’ के पुराने और फुलप्रूफ चुनावी फार्मूले को आधार बनाकर भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव की तैयारी शुरू कर दी है। पार्टी ऐसे बूथों की सूची तैयार करा रही है, जहां पिछले चुनावों में भाजपा प्रत्याशी कमजोर पड़े थे।बुधवार देर रात पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर कुछ चुनिंदा कैबिनेट मंत्रियों, पार्टी के प्रभारियों और सांसदों की एक मीटिंग में कई निर्णय लिए गए। सूत्रों की मानें तो अब हरेक सांसदों के जिम्मे 100 बूथ और विधायकों के जिम्मे 25 ऐसे बूथ होंगे, जहां पार्टी कमजोर है। इसके साथ ही कई फैसले किए गए।
70 साल से अधिक उम्र वालों को टिकट नहीं
पार्टी के उच्चस्तर पर इस बात को लेकर मंथन हुआ कि ऐसे मौजूदा सांसद जिनका जन्म 1955 के बाद हुआ है, उन्हें ही 2024 में लोकसभा का टिकट दिया जाएगा। इससे पहले जन्मे नेताओं को टिकट नहीं मिलेगा। यानी 70 प्लस के नेताओं को टिकट नहीं दिया जाए। ऐसे में यह नियम लागू हुआ तो भाजपा के मौजूदा सांसदों में से कई को टिकट नहीं मिल सकेगा।
पार्टी का मानना है कि नए लोगों को तभी मौका मिलेगा जब पुराने कार्यकर्ता, नए लोगों को रास्ता देंगे। पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, यह टिकट काटना नहीं बल्कि अपने से कम उम्र के कार्यकर्ताओं को सौंपने जैसा है।
सांसद-विधायक संभालेंगे 74 हजार बूथ की जिम्मेदारी
भाजपा ने देशभर में 74 हजार कमजोर बूथों का चयन किया है, जहां संगठन पूरी तरह कमजोर है। इन बूथों को मजबूत करने की जिम्मेदारी विधायक और सांसदों को दी गई है। यहां पर विधायक और सांसद स्थानीय कार्ययकर्ताओं के साथ बूथ मजबूत करने का काम करेंगे।