गंगा दशहरा: सुरकंडा देवी मंदिर में हुई विशेष पूजा-अर्चना, कद्दूखाल में रात्रि जागरण और भंडारे का हुआ आयोजन

नई टिहरी।

Uttarakhand

गंगा दशहरे पर सिद्धपीठ सुरकंडा मंदिर में आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। माँ गंगा और मां सुरकंडा के जयकारों से पूरा क्षेत्र गूंजायमान हो उठा। इस मौके पर मंदिर परिसर में देवी गंगा और सुरकंडा की वेद-ऋचाओं और नैवेद्य से विशेष पूजन-अर्चना की गई। वहीं, इससे पहले कद्दूखाल में भक्तों ने रात भर भजनों और जागरों से देवी की स्तुति की।

बृहस्पतिवार को गंगा दशहरे पर सुरकंडा मंदिर में देवी दर्शनों को खूब भीड़ उमड़ी। बुधवार शाम से ही मंदिर में आस पास के गाँव से श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़नी शुरू हो गई थी। बुधवार देर शाम को नमस्कार देवभूमि सेवा संघ नई दिल्ली की ओर से कद्दूखाल में रात्रि जागरण और भंडारे का आयोजन किया गया। कद्दूखाल में लोकगायक मुकेश कठैत आदि ने देवी जागर व भक्ति गीत प्रस्तुत किए, जिस पर श्रद्धालु जमकर झूमे।

बृहस्पतिवार सुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर के कपाट खुलते ही देवी के जयकारों से पूरा परिसर गुंजायमान हो उठा। सुबह सबसे पहले मंदिर में मां की मूर्ति का गंगाजल से स्नान कराया और उसके बाद पूजा-अर्चना की गई। पूजा के बाद मां की मूर्ति को भोग लगाया गया। मंदिर में मां के दर्शनों के लिए सुबह से ही भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी। लोगों ने मां से घर-परिवार व क्षेत्र की सुख-समृद्धि की मन्नत मांगी।

नमस्कार देवभूमि सेवा संघ दिल्ली के नित्यानंद गैरोला ने बताया कि पिछले 18 वर्षों से लगातार यह जागरण का कार्यक्रम होता आ रहा है। पिछले 2 साल करोना महामारी की वजह से यह कार्यक्रम नहीं हो पाया।

इस मौके पर पूर्णानंद गैरोला, जय सिंह राणा, बलदेव कुमाई, ज्ञान चंद रमोला, नित्यानंद गैरोला, शीशराम उनियाल, योगेश कोठारी आदि मौजूद थे।

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